क्या भारत का रियल एस्टेट आउटलुक 2025 की तीसरी तिमाही में मजबूत है?
Key Takeaways
- रियल एस्टेट सेंटीमेंट इंडेक्स 59 पर पहुँचा है।
- ऑफिस लीजिंग में वृद्धि हुई है।
- हाई-टिकट रेजिडेंशियल डिमांड मजबूत है।
- 78 प्रतिशत स्टेकहोल्डर्स नई सप्लाई में स्थिरता की उम्मीद कर रहे हैं।
- फंडिंग कंडीशन में सुधार की संभावना है।
नई दिल्ली, 15 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत का रियल एस्टेट आउटलुक 2025 की तीसरी तिमाही में मजबूत बना रहा है, जिसे मजबूत ऑफिस लीजिंग, हाई-टिकट सेगमेंट में मजबूत रेजिडेंशियल डिमांड और सपोर्टिव मैक्रो कंडीशन से समर्थन मिला। यह जानकारी शनिवार को जारी एक रिपोर्ट में दी गई।
नाइट फ्रैंक-नारेडको की रिपोर्ट में कहा गया है कि रियल एस्टेट सेंटीमेंट इंडेक्स पर मौजूदा सेंटीमेंट स्कोर 56 से बढ़कर 59 हो गया है, जबकि फ्यूचर सेंटीमेंट स्कोर 61 पर स्थिर बना हुआ है।
रिपोर्ट के अनुसार, हेल्दी लिक्विडिटी, कम महगांई और नीतिगत स्थिरता ने डेवलपर्स और इन्वेस्टर्स का कॉन्फिडेंस बढ़ाने में सहायता की है।
सभी एसेट क्लास में स्थिर बनी हुई ऑक्यूपायर मांग और बेहतर नई सप्लाई के कारण ऑफिस सेगमेंट सबसे अधिक आशावादी बना हुआ है।
लगभग 78 प्रतिशत रेस्पॉन्डेंट्स का मानना है कि समग्र आर्थिक गति स्थिर रहेगी या इसमें कुछ सुधार होगा।
इसके अलावा, रिपोर्ट में बताया गया है कि 78 प्रतिशत स्टेकहोल्डर्स का अनुमान है कि नई सप्लाई में स्थिर या मध्यम वृद्धि देखी जाएगी, जो डेवलपर्स के अनुशासित अप्रोच को दर्शाता है।
केंद्रीय बैंक आरबीई के उदार रुख और प्रीमियम हाउसिंग तथा कमर्शियल एसेट्स में सक्रिय पूंजी तैनाती को देखते हुए 86 प्रतिशत रेस्पॉन्डेंट्स का अनुमान है कि फंडिंग कंडीशन अपरिवर्तित रहेंगी या उनमें सुधार होगा।
रिपोर्ट बताती है कि सीमित ग्रेड ए की उपलब्धता, स्थिर लीजिंग गति और बढ़ते पूर्व कमिटमेंट्स के कारण 95 प्रतिशत रेस्पॉन्डेंट्स को लगता है कि ऑफिस का किराया स्थिर रहेगा या बढ़ेगा।
नारेडको के प्रेसिडेंट परवीन जैन ने कहा, "स्थिर मांग, नीतिगत निरंतरता और हेल्दी फंडिंग स्थितियों के कारण डेवलपर्स और इन्वेस्टर्स आशावादी बने हुए हैं। प्रीमियम हाउसिंग और ऑफिस स्पेस की वृद्धि इस सेक्टर के लिए आने वाले महीनों में एक संतुलित और मजबूत आउटलुक का संकेत देती है।"
जोनल सेंटीमेंट को लीड करते हुए साउथ जोन 62 पर रहा, जिसे बेंगलुरू और हैदारबाद में मजबूत लीजिंग गति और हाई-टिकट साइज हाउसिंग सेगमेंट की मांग से समर्थन मिला।
नॉर्थ जोन ने एनसीआर में स्थिर ऑफिस एक्टिविटी के कारण 56 पर बढ़कर अपनी रिकवरी बनाए रखी, जबकि ईस्ट जोन 59 पर रहा।