क्या भारत-ऑस्ट्रेलिया सीईसीए पर 11वें दौर की वार्ता में द्विपक्षीय व्यापार पर चर्चा हुई?

सारांश
Key Takeaways
- भारत-ऑस्ट्रेलिया सीईसीए द्विपक्षीय व्यापार को सशक्त बनाने के लिए महत्वपूर्ण है।
- वार्ता में वस्तुओं, सेवाओं और डिजिटल व्यापार पर ध्यान केंद्रित किया गया।
- दोनों पक्षों ने अभिसरण के लिए बेहतर समझ विकसित की।
- वार्ता के जरिए आर्थिक अवसर और सार्थक लाभ सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता।
- भविष्य के लिए तैयार ढांचे पर काम करने की साझा महत्वाकांक्षा।
नई दिल्ली, 23 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। भारत-ऑस्ट्रेलिया व्यापक आर्थिक सहयोग समझौता (सीईसीए) पर 11वें दौर की वार्ता 18-23 अगस्त को नई दिल्ली में आयोजित की गई। इस वार्ता ने द्विपक्षीय व्यापार और आर्थिक साझेदारी को सशक्त करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया।
पिछले दौरों और अंतर-सत्रीय बैठकों में प्राप्त प्रगति के आधार पर इस वार्ता में वस्तुओं, सेवाओं, गतिशीलता, डिजिटल व्यापार, उत्पत्ति के नियम, कानूनी और संस्थागत प्रावधान, पर्यावरण, श्रम और लिंग जैसे कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों को समाहित किया गया। इससे शेष प्रावधानों में अभिसरण को लेकर एक बेहतर समझ विकसित हुई।
दोनों पक्षों ने सीईसीए को आगे बढ़ाने और इसे दोनों देशों के लिए सार्थक लाभ, आर्थिक अवसर और संतुलित परिणाम प्रदान करने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया। बातचीत में तेजी बनाए रखने के लिए दोनों साझेदार वर्चुअल इंटरसेशन के माध्यम से वार्ता जारी रखेंगे।
भारत और ऑस्ट्रेलिया एक साथ मिलकर भविष्य के लिए तैयार ढांचे की दिशा में काम करने की साझी महत्वाकांक्षा के साथ पारस्परिक रूप से लाभकारी आर्थिक सहयोग के शीघ्र समापन के लिए दृढ़ता से प्रतिबद्ध हैं। भारत अपनी व्यापार समझौतों के माध्यम से वैश्विक उपस्थिति को बढ़ा रहा है, और यह दौर राष्ट्रीय प्राथमिकताओं और वैश्विक आकांक्षाओं के साथ आर्थिक साझेदारी को बढ़ाने की दृढ़ प्रतिबद्धता को दर्शाता है।