क्या भारत-जर्मनी के बीच डिफेंस और ऑटोमोबाइल में सहयोग बढ़ रहा है?

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क्या भारत-जर्मनी के बीच डिफेंस और ऑटोमोबाइल में सहयोग बढ़ रहा है?

सारांश

क्या भारत और जर्मनी के बीच डिफेंस, स्पेस और ऑटोमोबाइल में सहयोग बढ़ रहा है? केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने जर्मनी के विदेश मंत्री जोहान वेडफुल के साथ चर्चा की, जिसमें द्विपक्षीय व्यापार और निवेश को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाने पर ध्यान केंद्रित किया गया। जानें इस बैठक की मुख्य बातें!

Key Takeaways

  • पीयूष गोयल और जोहान वेडफुल के बीच महत्वपूर्ण बैठक हुई।
  • डिफेंस, स्पेस, इनोवेशन और ऑटोमोबाइल में सहयोग पर चर्चा।
  • भारत में जर्मन कंपनियों का निवेश बढ़ रहा है।
  • भारत जर्मनी का प्रमुख आर्थिक साझेदार है।
  • द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देने के लिए नई रणनीतियां।

नई दिल्ली, ३ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को जर्मनी के विदेश मंत्री जोहान वेडफुल के साथ भारत और जर्मनी के बीच डिफेंस, स्पेस, इनोवेशन और ऑटोमोबाइल में सहयोग को बढ़ाने पर चर्चा की।

इस मुलाकात के बारे में जानकारी साझा करते हुए पीयूष गोयल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "जर्मनी के विदेश मंत्री जोहान वेडफुल के साथ भारत और जर्मनी के व्यापारिक प्रतिनिधिमंडलों की बैठक की सह-अध्यक्षता की। इस बैठक में बाजार तक पहुंच, रेगुलेटरी फ्रेमवर्क और ट्रेड को बढ़ाने पर चर्चा की गई।"

उन्होंने आगे कहा, "हमने डिफेंस, स्पेस, इनोवेशन और ऑटोमोबाइल में सहयोग पर भी चर्चा की, जिससे दोनों देशों के बीच साझेदारी को बढ़ाया जा सके।"

पीयूष गोयल ने एक अन्य पोस्ट में कहा कि जर्मनी के विदेश मंत्री जोहान वेडफुल के साथ बैठक बहुत प्रोडक्टिव रही। हमारी चर्चा द्विपक्षीय व्यापार और निवेश संबंधों को बढ़ावा देने पर केंद्रित थी, साथ ही साझा विकास और समृद्धि के लिए इनोवेशन, सस्टेनेबिलिटी, टेक्नोलॉजी और अन्य क्षेत्रों में सहयोग के नए रास्ते तलाशने पर भी चर्चा हुई।

इसके अतिरिक्त, विदेश मंत्री जयशंकर ने भी जर्मनी के अपने समकक्ष से मुलाकात की।

संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में जयशंकर ने कहा, "मैं यह दोहराना चाहता हूं कि हम देश में कारोबार करने की सुगमता को निरंतर बेहतर बनाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। मैंने आज अपने जर्मनी के समकक्ष को आश्वासन दिया कि भारत में आने वाली, यहां स्थापित होने वाली, यहां काम करने वाली जर्मन कंपनियों की किसी भी चिंता पर हम विशेष ध्यान देने के लिए तैयार हैं।"

वेडफुल ने कहा कि भारत जर्मनी का प्रमुख आर्थिक व्यापारिक साझेदार है और यहां 200 से ज्यादा जर्मन कंपनियां सक्रिय हैं।

2024-25 में जर्मनी भारत का 8वां सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार था। 2023-24 में यह भारत का 12वां सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार और 2022-23 में 11वां सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार था। अप्रैल 2000 से मार्च 2025 तक 15.11 अरब डॉलर के संचयी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के साथ जर्मनी भारत में 9वां सबसे बड़ा प्रत्यक्ष विदेशी निवेशक है।

Point of View

जो न केवल व्यापार में बल्कि तकनीकी विकास में भी सहायक होंगी। एक मजबूत द्विपक्षीय संबंध का निर्माण राष्ट्र के विकास के लिए आवश्यक है।
NationPress
03/09/2025

Frequently Asked Questions

भारत और जर्मनी के बीच कौन से क्षेत्र में सहयोग बढ़ाया जा रहा है?
भारत और जर्मनी के बीच डिफेंस, स्पेस, इनोवेशन और ऑटोमोबाइल क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाया जा रहा है।
जर्मनी का भारत में कितना प्रत्यक्ष विदेशी निवेश है?
अप्रैल 2000 से मार्च 2025 तक जर्मनी का भारत में 15.11 अरब डॉलर का संचयी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश है।