क्या भारत-इंडोनेशियाई नौसेना का अभ्यास 'समुद्र शक्ति 2025' महत्वपूर्ण है?

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क्या भारत-इंडोनेशियाई नौसेना का अभ्यास 'समुद्र शक्ति 2025' महत्वपूर्ण है?

सारांश

भारत और इंडोनेशिया की नौसेनाएं 'समुद्र शक्ति 2025' नामक एक द्विपक्षीय अभ्यास में भाग ले रही हैं। इस अभ्यास का उद्देश्य सामरिक समन्वय बढ़ाना और दोनों देश के बीच मित्रता को मजबूत करना है। जानिए इस महत्वपूर्ण अभ्यास के बारे में और क्या है इसका महत्व।

Key Takeaways

  • भारत और इंडोनेशिया का द्विपक्षीय सहयोग
  • समुद्री अभियानों का अभ्यास
  • सामरिक समन्वय में वृद्धि
  • इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में सुरक्षा
  • सर्वोत्तम प्रथाओं का आदान-प्रदान

नई दिल्ली, 15 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत और इंडोनेशिया की नौसेनाएं एक महत्वपूर्ण द्विपक्षीय नौसैनिक अभ्यास ‘समुद्र शक्ति 2025’ का आयोजन कर रही हैं। यह अभ्यास भारत की धरती पर हो रहा है। विशाखापत्तनम में आयोजित इस अभ्यास में दोनों देशों की नौसेनाएं सामरिक समन्वय को बढ़ाने के लिए कई जटिल समुद्री अभियानों का अभ्यास करेंगी।

इन अभियानों में हेलीकॉप्टर ऑपरेशंस, वायु रक्षा अभ्यास, हथियार फायरिंग ड्रिल्स और विजिट, बोर्ड, सर्च एंड सीजर जैसे सैन्य अभ्यास शामिल हैं। यह अभ्यास 14 अक्टूबर से प्रारंभ हुआ है और 17 अक्टूबर तक विशाखापत्तनम में जारी रहेगा।

यह ध्यान देने योग्य है कि भारतीय नौसेना इस संयुक्त द्विपक्षीय समुद्री अभ्यास ‘समुद्र शक्ति 2025’ के पांचवे संस्करण की मेज़बानी कर रही है। इस अभ्यास में भारतीय नौसेना की पूर्वी कमान के तत्वावधान में पूर्वी बेड़े का पनडुब्बी रोधी युद्धपोत आईएनएस कवरत्ती शामिल है।

वहीं, इंडोनेशियाई नौसेना का युद्धपोत केआरआई जॉन ली (एक हेलीकॉप्टर सहित) भी इस अभ्यास में भाग ले रहा है। केआरआई जॉन ली के विशाखापत्तनम आगमन पर भारतीय नौसेना ने उसका गर्मजोशी से स्वागत किया।

हार्बर चरण के दौरान दोनों नौसेनाओं के बीच मित्रता और पेशेवर समन्वय को मजबूत करने के लिए विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है, जैसे कि क्रॉस-डेक विज़िट्स, संयुक्त योग सत्र, मैत्रीपूर्ण खेल प्रतियोगिताएं और विषय विशेषज्ञों के बीच पेशेवर आदान-प्रदान (एसएमईई)

नौसेना के अनुसार, समुद्री चरण के दौरान दोनों नौसेनाएं सामरिक समन्वय बढ़ाने के लिए कई जटिल समुद्री अभियानों का अभ्यास करेंगी, जिनमें हेलीकॉप्टर द्वारा अंजाम दिए जाने वाले जटिल ऑपरेशंस भी शामिल हैं। इसके अलावा, समुद्र में वायु रक्षा से जुड़े अभ्यास भी किए जाएंगे।

इस दौरान संदिग्धों की खोज और जब्ती जैसे अभ्यास भी किए जाने हैं। अभ्यास ‘समुद्र शक्ति’ भारत और इंडोनेशिया के बीच एक प्रमुख द्विपक्षीय पहल है, जिसका उद्देश्य अंतर-संचालन क्षमता को बढ़ाना, पारस्परिक समझ को सुदृढ़ करना और सर्वोत्तम नौसैनिक प्रथाओं का आदान-प्रदान करना है।

नौसेना का मानना है कि यह दोनों देशों की इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में शांति, स्थिरता और सुरक्षा बनाए रखने की साझा प्रतिबद्धता को भी रेखांकित करता है।

Point of View

यह स्पष्ट है कि 'समुद्र शक्ति 2025' अभ्यास केवल सैन्य अभ्यास नहीं, बल्कि भारत और इंडोनेशिया के बीच सहयोग और मित्रता को बढ़ाने का एक अवसर है। यह अभ्यास न केवल दोनों देशों की सामरिक क्षमताओं को बढ़ाता है, बल्कि इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने की प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है।
NationPress
15/10/2025

Frequently Asked Questions

समुद्र शक्ति 2025 का उद्देश्य क्या है?
इसका मुख्य उद्देश्य भारत और इंडोनेशिया के बीच सामरिक समन्वय को बढ़ाना और सर्वोत्तम नौसैनिक प्रथाओं का आदान-प्रदान करना है।
यह अभ्यास कब और कहाँ हो रहा है?
यह अभ्यास 14 अक्टूबर से 17 अक्टूबर तक विशाखापत्तनम में आयोजित किया जा रहा है।
इस अभ्यास में कौन-कौन से देश भाग ले रहे हैं?
इस अभ्यास में भारत और इंडोनेशिया की नौसेनाएं भाग ले रही हैं।
समुद्र शक्ति 2025 में क्या गतिविधियाँ शामिल हैं?
इसमें हेलीकॉप्टर ऑपरेशंस, वायु रक्षा अभ्यास, हथियार फायरिंग ड्रिल्स आदि शामिल हैं।
यह अभ्यास क्यों महत्वपूर्ण है?
यह अभ्यास दोनों देशों के बीच सामरिक संबंधों को मजबूत करता है और क्षेत्र में सुरक्षा और स्थिरता को बढ़ावा देता है।