क्या इजराइली नागरिक शेरों की तरह लड़ रहे हैं? - इजरायल के महावाणिज्यदूत

सारांश
Key Takeaways
- इजराइली नागरिक अपनी सुरक्षा के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
- भारत-इजराइल संबंध मजबूत हो रहे हैं।
- शांति के लिए अमेरिकी पहल का स्वागत।
- हमास का निरस्त्रीकरण आवश्यक है।
- भारतीय संस्कृति की प्रशंसा।
मुंबई, 1 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत में इजराइल के महावाणिज्यदूत यानिव रेवाच ने भारत-इजराइल संबंधों को और मजबूत करने के साथ-साथ पश्चिमी एशिया में शांति की दिशा में अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया।
उन्होंने कहा कि पिछले दो वर्षों से इजरायली नागरिक अपनी सुरक्षा के लिए शेरों की तरह लड़ रहे हैं। इस दौरान इजरायल ने कई कठिन परिस्थितियों का सामना किया है। इजरायल एक शांतिपूर्ण क्षेत्र की कामना करता है और इस दिशा में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की किसी भी शांति पहल का स्वागत करता है।
उन्होंने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मित्रता और नेतृत्व के लिए आभार व्यक्त किया।
यानिव रेवाच ने कहा, "हम प्रधानमंत्री मोदी की टिप्पणियों और उनके नेतृत्व की तहे दिल से सराहना करते हैं। उन्होंने हमेशा पश्चिमी एशिया में शांति के महत्व पर जोर दिया है और हमें इस क्षेत्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना है।"
उन्होंने आगे कहा कि इजरायल राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व और उनके प्रति मित्रता की कद्र करता है।
यानिव रेवाच ने इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के हालिया बयान का हवाला देते हुए कहा कि इजरायल अमेरिकी शांति प्रस्ताव का स्वागत करता है, लेकिन इसकी कुछ शर्तें हैं। इनमें सबसे पहले सभी इजरायली बंधकों की रिहाई, हमास का पूर्ण निरस्त्रीकरण और गाजा का विसैन्यीकरण शामिल है।
उन्होंने कहा, "हमास को निरस्त्र करना और सभी बंधकों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करना हमारी प्राथमिकता है। भारत ने हमेशा क्षेत्र में शांति की वकालत की है और हम इस दृष्टिकोण का सम्मान करते हैं।"
यानिव रेवाच ने जोर देकर कहा कि शांति की शुरुआत बंधकों की रिहाई से ही हो सकती है और इजरायल हर उस पहल का स्वागत करता है, जो इस लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद का हाथ बढ़ाता है।
भारत के साथ संबंधों पर बात करते हुए, यानिव रेवाच ने भारतीय संस्कृति और विरासत की प्रशंसा की।
उन्होंने कहा, "भारत की संस्कृति और परंपराएं बहुत समृद्ध हैं। मैं कई सालों से मसाला चाय का शौकीन रहा हूं। अब मैं भारत के स्थानीय व्यंजनों, बाजारों और पर्यटन स्थलों का आनंद लेते हुए इस खूबसूरत देश को और करीब से जानने की कोशिश कर रहा हूं।"
यानिव रेवाच ने भारत और इजरायल के बीच सांस्कृतिक और आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देने की अपनी प्रतिबद्धता भी दोहराई।
उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच संबंधों को और गहरा करने के लिए वे अपने कार्यकाल के दौरान सक्रिय रूप से काम करेंगे।