क्या भारत–जापान सहयोग ने मेडिकल डिवाइसेज सेक्टर को नई गति दी?
सारांश
Key Takeaways
- भारत और जापान के बीच मेडिकल टेक्नोलॉजी में सहयोग की आवश्यकता है।
- 350 एकड़ में फैला मेडिकल डिवाइसेज पार्क नई तकनीकों के लिए तैयार है।
- जापानी सिटी की योजना क्षेत्र में और विस्तार की ओर इशारा करती है।
- 101 कंपनियों को पहले ही भूमि आवंटित की जा चुकी है।
- अफ्रीका और मध्य पूर्व में वैश्विक बाजार पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
ग्रेटर नोएडा, 13 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। यमुना एक्सप्रेस इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी के मेडिकल डिवाइसेज पार्क में गुरुवार को भारत और जापान के बीच मेडिकल टेक्नोलॉजी में निवेश और सहयोग को प्रोत्साहित करने के लिए एक उच्चस्तरीय बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक की अध्यक्षता यमुना प्राधिकरण के सीईओ राकेश कुमार सिंह ने की, जबकि सह-अध्यक्षता ओएसडी शैलेंद्र कुमार भाटिया ने की।
जापानी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व मेडिकल एक्सीलेंस जापान के सीईओ केंजी शिबुया ने किया। इस बैठक में यमुना प्राधिकरण, मेडिकल एक्सीलेंस जापान, और एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल फॉर मेडिकल डिवाइसेज़ के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ पार्क में भूमि आवंटित कंपनियों के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया। बैठक में यमुना प्राधिकरण ने 350 एकड़ में फैले मेडिकल डिवाइसेज पार्क की प्रस्तुति दी, जो देश के तीन सरकारी स्वीकृत पार्कों में से एक है। इस परियोजना की लागत 440 करोड़ रुपये है, जिसमें से 100 करोड़ रुपये की सहायता केंद्र सरकार से प्राप्त हुई है।
लगभग 90 प्रतिशत इंफ्रास्ट्रक्चर कार्य पूरा हो चुका है और 101 कंपनियों को भूमि आवंटित की जा चुकी है। यह पार्क रेडियोलॉजी, इमेजिंग, कार्डियो-रेस्पिरेटरी डिवाइसेज, कैंसर केयर, रेडियोथेरेपी, इम्प्लांट्स और इन-विट्रो डायग्नॉस्टिक्स जैसे क्षेत्रों पर केंद्रित है। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (जेवर) से मात्र 5 किमी की दूरी पर स्थित यह पार्क विश्वस्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर, मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी और कई प्रोत्साहन योजनाएं प्रदान करता है, जैसे कि कैपिटल इंटरेस्ट सब्सिडी, एसजीएसटी रिइम्बर्समेंट, ईपीएफ एवं रोजगार प्रोत्साहन, स्किल डेवलपमेंट सहायता तथा 100 प्रतिशत स्टाम्प ड्यूटी छूट।
यमुना प्राधिकरण ने हवाईअड्डे के निकट 500 एकड़ में जापानी सिटी विकसित करने की योजना की भी घोषणा की। जापानी प्रतिनिधियों ने भारतीय कंपनियों के साथ टेक्नोलॉजी ट्रांसफर, संयुक्त निर्माण और कंपोनेंट विकास में गहरी रुचि दिखाई। प्रतिनिधिमंडल ने पार्क की पहली पूर्ण इकाई ‘कृष बायोमेडिकल’ के संयंत्र का भी दौरा किया।
बैठक के अंत में दोनों पक्षों ने ‘मेड इन इंडिया एंड जापान’ ढांचे के तहत वैश्विक बाजार, विशेष रूप से अफ्रीका और मध्य पूर्व पर ध्यान केंद्रित करते हुए साझेदारी को आगे बढ़ाने पर सहमति जताई। जनवरी-फरवरी 2026 में मेडिकल एक्सीलेंस जापान द्वारा एक बड़ा जापानी निवेशक प्रतिनिधिमंडल यमुना प्राधिकरण का पुनः दौरा करेगा।