क्या भारत का एग्री-टेक सेक्टर 2029 तक 60 करोड़ डॉलर तक पहुंचेगा?

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क्या भारत का एग्री-टेक सेक्टर 2029 तक 60 करोड़ डॉलर तक पहुंचेगा?

सारांश

भारत का एग्री-टेक सेक्टर तेजी से विकसित हो रहा है, और यह 2029 तक 60 करोड़ डॉलर के निवेश तक पहुंचने की संभावना रखता है। जानें, इस क्षेत्र के विकास की कहानी और इसके पीछे क्या कारण हैं।

Key Takeaways

  • भारत का एग्री-टेक सेक्टर 2029 तक 60 करोड़ डॉलर तक पहुंच सकता है।
  • इस क्षेत्र में 6 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि की उम्मीद है।
  • डिजिटल उपकरणों का प्रभावी उपयोग कृषि में पारदर्शिता और दक्षता ला रहा है।
  • सस्टेनेबिलिटी पर ध्यान केंद्रित करने वाले निवेशक अधिक सक्रिय हो रहे हैं।
  • इस क्षेत्र में नवाचार किसानों की उत्पादकता बढ़ाने में मदद कर रहा है।

नई दिल्ली, 17 जुलाई (राष्ट्र प्रेस) । क्या आप जानते हैं कि भारत का एग्री-टेक सेक्टर कैलेंडर वर्ष 2029 तक 60 करोड़ डॉलर के निवेश तक पहुंचने की दिशा में अग्रसर है? यह जानकारी एक नई रिपोर्ट में सामने आई है।

लैटिस द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार, इस सेक्टर में लगभग 6 प्रतिशत की स्थिर वार्षिक वृद्धि की उम्मीद की जा रही है, जो निवेशकों के नए उत्साह और कृषि नवाचार में दीर्घकालिक विश्वास को दर्शाता है।

2022 के बाद फंडिंग में थोड़ी सुस्ती के बावजूद, इस क्षेत्र में मजबूत सुधार के संकेत मिल रहे हैं।

हाल के वर्षों में एग्री-टेक का विकास उल्लेखनीय रहा है, खासकर महामारी के दौरान उद्यमिता में जबरदस्त वृद्धि देखने को मिली है।

केवल 2020 में, 572 नए एग्री-टेक स्टार्टअप्स की शुरुआत हुई, क्योंकि कृषि क्षेत्र ने डिजिटल समाधान की ओर कदम बढ़ाना शुरू किया।

फंडिंग राउंड 2019 में 53 से बढ़कर 2022 में 101 के उच्चतम स्तर पर पहुंच गए। हालाँकि अब सौदों की संख्या 60 से 70 प्रति वर्ष के आसपास स्थिर हो गई है, लेकिन अब निवेशकों का ध्यान बदल चुका है।

निवेशक अब ऐसे व्यावसायिक मॉडल की खोज कर रहे हैं जो न केवल नवोन्मेषी हों, बल्कि स्केलेबल और कार्यान्वयन के लिए तैयार भी हों।

इस वृद्धि को कई कारक बढ़ावा दे रहे हैं, जिनमें सस्टेनेबिलिटी पर ध्यान केंद्रित करने वाले प्रभाव निवेशक शामिल हैं।

एग्रीस्टैक और इलेक्ट्रॉनिक नेशनल एग्रीकल्चर मार्केट (ई-नाम) जैसे डिजिटल उपकरणों की मदद से सप्लाई चेन में पारदर्शिता और दक्षता में सुधार हो रहा है।

घरेलू और विदेशी दोनों बाजारों में भारतीय फसलों की मांग बढ़ रही है, जिसमें तकनीक की महत्वपूर्ण भूमिका है।

एआई-पावर्ड डेटा टूल्स से लेकर स्मार्ट सिंचाई प्रणालियों तक, यह नवाचार किसानों को संसाधनों का बेहतर उपयोग करने, उत्पादकता बढ़ाने, और जलवायु संबंधी चुनौतियों से निपटने में सहायता कर रहा है।

एक अध्ययन से पता चलता है कि जैसे-जैसे इस सेक्टर में पूंजी का प्रवाह जारी रहेगा और डिजिटल ढांचा मजबूत होगा, एग्री-टेक भारत की अधिक सस्टेनेबल और आधुनिक कृषि की ओर यात्रा का एक अनिवार्य हिस्सा बनता जाएगा।

इस बीच, इस वर्ष की शुरुआत में, केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जितेंद्र सिंह ने कहा था कि कृषि क्षेत्र के स्टार्टअप ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका के अवसरों को बढ़ाने के लिए पारंपरिक जैविक कृषि पद्धतियों को तकनीक के साथ कुशलता से मिला रहे हैं।

Point of View

मैं मानता हूँ कि एग्री-टेक में तेजी से हो रहा यह विकास हमारे देश की कृषि प्रणाली को अधिक सस्टेनेबल और आधुनिक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह न केवल आर्थिक विकास को बढ़ावा देगा, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर भी सृजित करेगा।
NationPress
17/07/2025

Frequently Asked Questions

भारत का एग्री-टेक सेक्टर कब तक 60 करोड़ डॉलर तक पहुंचेगा?
भारत का एग्री-टेक सेक्टर कैलेंडर वर्ष 2029 तक 60 करोड़ डॉलर के निवेश तक पहुंचने की संभावना है।
इस क्षेत्र में वृद्धि के मुख्य कारक क्या हैं?
निवेशकों की नई रुचि, डिजिटल उपकरणों का उपयोग, और सस्टेनेबिलिटी पर ध्यान केंद्रित करने वाले प्रभाव निवेशकों का सक्रिय होना इसके मुख्य कारक हैं।