क्या भारत इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग के लिए विश्वसनीय ग्लोबल हब के रूप में उभर रहा है?

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क्या भारत इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग के लिए विश्वसनीय ग्लोबल हब के रूप में उभर रहा है?

सारांश

भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग तेजी से वृद्धि कर रहा है, ईसीएमएस योजना के तहत नए प्रोजेक्ट्स को मंजूरी मिलने से देश में कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग को मजबूती मिलेगी। अशोक चांडक ने इस प्रक्रिया का स्वागत किया, जो भारत को एक वैश्विक उत्पाद राष्ट्र बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

Key Takeaways

  • भारत तेजी से इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग में आगे बढ़ रहा है।
  • ईसीएमएस योजना के तहत 17 नई परियोजनाओं को मंजूरी मिली है।
  • यह योजना आयात निर्भरता को कम करने का प्रयास है।
  • भारत एक सच्चा 'प्रोडक्ट नेशन' बनने की दिशा में अग्रसर है।
  • इससे पांच हजार से अधिक नई नौकरियों का सृजन होगा।

नई दिल्ली, 17 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। इंडिया इलेक्ट्रॉनिक्स एंड सेमीकंडक्टर एसोसिएशन (आईईएसए) के अध्यक्ष अशोक चांडक ने सोमवार को केंद्र के ईसीएमएस के तहत 17 परियोजनाओं के दूसरे चरण को मंजूरी दिए जाने के निर्णय का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि भारत आयात पर निर्भरता को कम करने, सप्लाई चेन को मजबूत करने और वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स अर्थव्यवस्था के लिए उच्च कौशल वाली नौकरियों को लाने के साथ-साथ कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग में एक मजबूत आधार स्थापित कर रहा है।

'सेलिब्रेटिंग द सक्सेस ऑफ ईसीएमएस' कार्यक्रम में चांडक ने कहा, "भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स वैल्यू-एड नीति से उत्पादन की ओर तेजी से बढ़ रहा है। सेमीकंडक्टर परियोजना पर पहले से ही कार्य चल रहा है और इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग स्कीम तेज गति पकड़ रही हैं। आईईएसए सदस्य कंपनियां सबसे पहले अनुमोदन प्राप्त करने वालों में शामिल हैं, जबकि कई और आवेदनों की लाइन में हैं।"

उन्होंने आगे कहा कि ईसीएमएस योजना भारत की व्यापक पहलों जैसे इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग पीएलआई, सेमीकंडक्टर फैब्स और ओएसटीए के लिए इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन फॉर, फैबलेस डिजाइन के लिए डीएलआई स्कीम फॉर और रिसर्च एंड इनोवेशन के लिए आरडीआई की पूरक है। यह योजना सामग्री से कंपोनेंट, चिप्स से डिवाइस और डिजाइन से मैन्युफैक्चरिंग की निर्बाध वैल्यू चेन को पूरा करती है।

चांडक ने कहा, "भारत अपने दृष्टिकोण को वास्तविकता में बदल रहा है और इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग के लिए एक विश्वसनीय ग्लोबल हब के रूप में उभर रहा है। देश दुनिया भर के देशों के लिए एक सच्चा 'प्रोडक्ट नेशन' बनने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठा रहा है।"

इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग स्कीम का उद्देश्य घरेलू इलेक्ट्रॉनिक उद्योग को वैश्विक वैल्यू चेन (जीवीसी) में एकीकृत करते हुए वैल्यू चेन में वैश्विक और घरेलू निवेश आकर्षित करना और एक मजबूत कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम तैयार करना है।

केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग स्कीम (ईसीएमएस) के तहत 5,532 करोड़ रुपए की 7 परियोजनाओं के पहले चरण को अक्टूबर के अंत में मंजूरी दिए जाने की घोषणा की थी। इन परियोजनाओं से 36,559 करोड़ रुपए मूल्य के कंपोनेंट्स का उत्पादन होगा और 5,100 से अधिक प्रत्यक्ष नौकरियां उत्पन्न होंगी।

Point of View

जो न केवल आयात निर्भरता को कम कर रहा है, बल्कि घरेलू उद्योग को भी मजबूत बना रहा है। ईसीएमएस जैसी योजनाएं भारत को वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धी बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।
NationPress
17/11/2025

Frequently Asked Questions

ईसीएमएस योजना क्या है?
ईसीएमएस योजना इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई है।
भारत में कितनी नई परियोजनाओं को मंजूरी मिली है?
हाल ही में 17 नई परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है।
इस योजना से कितनी नौकरियां उत्पन्न होंगी?
इन परियोजनाओं से 5,100 से अधिक प्रत्यक्ष नौकरियां उत्पन्न होंगी।
इस योजना का उद्देश्य क्या है?
इसका उद्देश्य घरेलू इलेक्ट्रॉनिक उद्योग को वैश्विक वैल्यू चेन में एकीकृत करना है।
क्या भारत इलेक्ट्रॉनिक्स में आत्मनिर्भर हो रहा है?
जी हां, भारत आत्मनिर्भरता की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठा रहा है।
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