क्या भारत का मेडिकल टूरिज्म मार्केट 2035 तक 58.2 अरब डॉलर तक पहुंचेगा?

सारांश
Key Takeaways
- भारत का मेडिकल टूरिज्म मार्केट तेजी से बढ़ रहा है।
- 2035 तक यह 58.2 अरब डॉलर तक पहुँचने की संभावना है।
- भारत आधुनिक और पारंपरिक चिकित्सा का संगम है।
- लगभग 20 लाख अंतरराष्ट्रीय मरीज भारत आते हैं।
- सरकार ने इस क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए कई पहल की हैं।
नई दिल्ली, 17 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। भारत का मेडिकल टूरिज्म मार्केट 2025 में 18.2 अरब डॉलर से बढ़कर 2035 तक 58.2 अरब डॉलर तक पहुँचने की संभावना है। यह जानकारी हाल ही में जारी एक रिपोर्ट में सामने आई है।
फेडरेशन ऑफ होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एफएचआरएआई) और केपीएमजी के सहयोग से तैयार की गई इस रिपोर्ट में दिखाया गया है कि 2035 तक भारत का स्वास्थ्य क्षेत्र 12.3 प्रतिशत की औसत वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) के साथ वैश्विक मेडिकल टूरिज्म में महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त कर सकता है।
यह रिपोर्ट एक परिवर्तनकारी राष्ट्रीय रणनीति को भी उजागर करती है, जो भारत की क्लिनिकल विशेषज्ञता को उसकी प्राचीन स्वास्थ्य परंपराओं के साथ जोड़ती है, जिसका लक्ष्य भारत को मेडिकल वैल्यू ट्रैवल (एमवीटी) के लिए विश्वसनीय गंतव्य बनाना है।
रिपोर्ट में यह भी दर्शाया गया है कि भारत आधुनिक सर्जरी के साथ-साथ आयुर्वेद, योग और पंचकर्म जैसे प्राकृतिक उपचार विकल्पों की पेशकश करते हुए एक किफायती विकल्प के रूप में उभर रहा है।
भारत मेडिकल टूरिज्म इंडेक्स में 10वें और वेलनेस टूरिज्म में 7वें स्थान पर है, और यह लगभग 20 लाख अंतरराष्ट्रीय मरीजों को 75 देशों से आकर्षित करता है।
रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में चिकित्सा वीजा जारी करने वालों की संख्या बढ़कर 4,63,725 हो गई, जिनमें अधिकांश मरीज बांग्लादेश, खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) देशों और अफ्रीका से हैं।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के डॉ. मनोज नेसारी ने राष्ट्रीय राजधानी में एफएचआरएआई द्वारा आयोजित हील इन इंडिया 2025 मेडिकल और वेलनेस टूरिज्म समिट में रिपोर्ट पेश करते हुए कहा कि आयुर्वेद और पारंपरिक चिकित्सा का वैश्विक महत्व बढ़ रहा है।
उन्होंने बताया, "भारत पारंपरिक चिकित्सा में समृद्ध है और सरकार ने हाल के वर्षों में इस क्षेत्र को एक वैकल्पिक अर्थव्यवस्था के रूप में बढ़ावा देने के लिए कई पहल की हैं।"
उन्होंने आगे कहा कि दुनिया भर में चिकित्सा और स्वास्थ्य के विकल्प के रूप में योग और आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए गए हैं।
पर्यटन मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव एवं महानिदेशक, आईएएस सुमन बिल्ला ने कहा कि आने वाले वर्षों में पर्यटन अर्थव्यवस्था 3 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगी और इसके लिए कई क्षेत्रों को सक्रिय करने की आवश्यकता होगी।
उन्होंने कहा, "चिकित्सा और स्वास्थ्य पर्यटन इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए रणनीतिक स्तंभ हैं। हमें अपनी क्षमता के साथ-साथ देखभाल, करुणा और सेवाभाव का प्रदर्शन करना होगा।"