क्या भारत 'ऑपरेशन सिंधु' के तहत ईरान और इजराइल से भारतीयों को सुरक्षित लाएगा? : योगेश कदम

सारांश
Key Takeaways
- ऑपरेशन सिंधु का उद्देश्य ईरान और इजराइल में फंसे भारतीय नागरिकों की सुरक्षित निकासी है।
- प्रधानमंत्री मोदी की कूटनीति से यह संभव हो रहा है।
- यह ऑपरेशन भारत सरकार की नागरिकों की सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
- विशेष उड़ानों और समन्वित प्रयासों से निकासी की जाएगी।
- भारतीय दूतावासों के साथ मिलकर योजना बनाई गई है।
मुंबई, 23 जून (राष्ट्र प्रेस)। ईरान और इजराइल में बढ़ते तनाव के बीच फंसे भारतीय नागरिकों को सुरक्षित स्वदेश लाने के लिए भारत ने 'ऑपरेशन सिंधु' आरंभ किया है। इस ऑपरेशन के बारे में महाराष्ट्र सरकार के मंत्री योगेश कदम ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वैश्विक कूटनीति और लगभग हर देश के साथ मजबूत संबंधों की वजह से ऐसी जटिल परिस्थितियों में भी भारतीयों की सुरक्षित निकासी संभव हो पाती है।
योगेश कदम ने कहा, "जब भी दुनिया में ऐसी घटनाएं घटित होती हैं, जैसे कि यूक्रेन-रूस युद्ध के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी के वैश्विक नेताओं के साथ अच्छे संबंधों और भारत की साख के कारण हम अपने नागरिकों को सबसे कठिन परिस्थितियों में भी निकालने में सफल होते हैं। यह कार्य चुनौतीपूर्ण हो सकता है, लेकिन वैश्विक सद्भावना के साथ यह संभव हो जाता है। भारत सरकार अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और ऑपरेशन सिंधु इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।"
समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अबू आजमी के एक बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कदम ने कहा कि उन्होंने सपा नेता का बयान नहीं सुना है। उन्होंने कहा कि अबू आजमी की यह आदत रही है कि वह नगर निगम चुनाव जैसे मौकों पर मुस्लिम मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए विवादास्पद टिप्पणियां करते हैं। यह उनकी पुरानी रणनीति है। वह हर बार चुनाव नजदीक आते ही इस तरह के बयान देकर वोट बैंक की राजनीति करते हैं।
यह उल्लेखनीय है कि ऑपरेशन सिंधु के तहत विदेश मंत्रालय ने दोनों देशों में भारतीय दूतावासों के साथ मिलकर निकासी की योजना तैयार की है। विशेष उड़ानों और समन्वित प्रयासों के जरिए फंसे भारतीयों को जल्द से जल्द वापस लाया जाएगा। विदेश मंत्रालय ने हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए हैं, ताकि प्रभावित भारतीय और उनके परिवार संपर्क कर सकें।
यह पहली बार नहीं है जब भारत ने अपने नागरिकों को विदेशी संकटों से निकाला हो। यूक्रेन-रूस युद्ध, यमन संकट और अन्य वैश्विक घटनाओं के दौरान भी भारत 'ऑपरेशन गंगा' और 'ऑपरेशन वंदे भारत' जैसे अभियानों के जरिए हजारों लोगों को सुरक्षित स्वदेश लाया था।