क्या पीएम मोदी के विजन के कारण भारत सामाजिक सुरक्षा में दूसरे स्थान पर पहुंचा?

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क्या पीएम मोदी के विजन के कारण भारत सामाजिक सुरक्षा में दूसरे स्थान पर पहुंचा?

सारांश

पुणे में प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि पीएम मोदी के दृष्टिकोण के कारण भारत ने सामाजिक सुरक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। इस लेख में जानें कि कैसे सरकार की नीतियों ने लाखों लोगों के जीवन में बदलाव लाया है।

Key Takeaways

  • भारत का सामाजिक सुरक्षा में दूसरा स्थान महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
  • 30 करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर आए हैं।
  • 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन मिला है।
  • जनधन योजना से 50 करोड़ खाते खोले गए हैं।
  • किसान सम्मान योजना ने 11 करोड़ किसानों को लाभान्वित किया है।

पुणे, 29 जून (राष्ट्र प्रेस)। भारत का सामाजिक सुरक्षा के क्षेत्र में दुनिया में दूसरे स्थान पर आने की व्यापक प्रशंसा की जा रही है। पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता प्रकाश जावड़ेकर ने रविवार को इसका श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण को दिया।

प्रकाश जावड़ेकर ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से कहा, "भारत का दुनिया में सामाजिक सुरक्षा के मामले में दूसरे स्थान पर आना मोदी सरकार की नीतियों का स्पष्ट परिणाम है। यह एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। यह सामाजिक न्याय की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। विभिन्न देशों ने भारत की इस प्रगति की सराहना की है। पिछले 10 वर्षों में 30 करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर लाए गए हैं। यह एक विश्व रिकॉर्ड है। 12 करोड़ लोगों को शौचालय, चार करोड़ लोगों को घर, 10 करोड़ परिवारों को गैस कनेक्शन और 15 करोड़ घरों में नल का पानी पहुंचाया गया है। यह केवल योजनाएं नहीं हैं, बल्कि एक अद्वितीय सफलता की कहानी है। इसके अलावा 50 करोड़ लोगों के जनधन खाते खोले गए हैं, जिससे सरकारी योजनाओं का सीधा लाभ मिला। इसका सारा श्रेय पीएम मोदी के दृष्टिकोण और गरीबों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को जाता है। उन्होंने पहले दिन ही स्पष्ट किया था कि उनकी सरकार गरीबों के लिए समर्पित होगी।"

जावड़ेकर ने कहा, "पीएम मोदी के गरीबों के प्रति संवेदनशील नेतृत्व के कारण ही 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन मिल सका। यह कल्याणकारी योजनाएं मात्र नहीं, बल्कि गरीबों को सशक्त बनाने का माध्यम हैं। जनधन योजना के 50 करोड़ खातों के माध्यम से मनरेगा की मजदूरी, पेंशन या अन्य लाभ सीधे खातों में पहुंचे हैं। पहले राजीव गांधी कहते थे कि दिल्ली से भेजे गए 100 रुपए में से केवल 15 रुपए ही गरीबों तक पहुंचते थे, बाकी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाते थे। लेकिन अब 100 के 100 रुपए सीधे गरीबों के खातों में पहुंचते हैं। पिछले 10 वर्षों में 45 लाख करोड़ रुपए सीधे खातों में गए हैं, यह कोई सामान्य बात नहीं है। प्रधानमंत्री मोदी के हर कार्यक्रम के पीछे अंत्योदय की विचारधारा है, जो सबसे अंतिम पंक्ति के व्यक्ति का उद्धार करता है। किसानों को 38,000 करोड़ रुपए सीधे मिले हैं, जो 11 करोड़ किसानों तक पहुंचे। यह किसान सम्मान योजना स्वतंत्र भारत के इतिहास की एक असाधारण उपलब्धि है। ऐसी योजनाएं किसी सरकार ने 70 वर्षों में नहीं कीं।"

संघ के सहकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले के संविधान पर दिए हालिया बयान पर उन्होंने कहा, "यह चर्चा आवश्यक है। संविधान की मूल प्रस्तावना में ये शब्द नहीं थे। ये आपातकाल के दौरान 42वें संशोधन के जरिए जोड़े गए। बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर चाहते थे कि देश खुद तय करे कि उसे समाजवाद अपनाना है या कोई अन्य रास्ता। हमें किसी एक आर्थिक सिद्धांत में बांधकर नहीं रहना चाहिए। सेक्युलरिज्म एक विदेशी अवधारणा है, जबकि भारत ने हमेशा सभी धर्मों का सम्मान किया है। यहां धर्म के पालन और प्रचार की स्वतंत्रता है। भारत 'वसुधैव कुटुंबकम' का पक्षधर रहा है। इसलिए इन शब्दों पर खुली और सार्थक बहस जरूरी है।"

कोलकाता गैंगरेप मामले में पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के नेताओं के विवादित बयानों को जावड़ेकर ने शर्मनाक बताया। उन्होंने कहा, "यह बयान इस बात को दर्शाता है कि इन लोगों में संवेदनशीलता कितनी कम है। सत्ता के नशे में चूर लोग भूल जाते हैं कि जनता सब देख रही है। किसी लड़की के साथ हुए गैंगरेप का समर्थन देना अक्षम्य है और इसकी जितनी भर्त्सना की जाए, वह कम है।"

Point of View

हमें यह स्वीकार करना चाहिए कि भारत की सामाजिक सुरक्षा में प्रगति एक सकारात्मक संकेत है। पीएम मोदी की नीतियों ने लाखों लोगों को लाभान्वित किया है और यह स्पष्ट है कि गरीबों के उत्थान पर ध्यान केंद्रित करना देश की विकास यात्रा के लिए आवश्यक है।
NationPress
21/07/2025

Frequently Asked Questions

भारत ने सामाजिक सुरक्षा में दूसरा स्थान कैसे प्राप्त किया?
भारत ने सामाजिक सुरक्षा के मामले में दूसरा स्थान पीएम मोदी की नीतियों और योजनाओं के कारण प्राप्त किया, जिन्होंने लाखों लोगों को लाभान्वित किया है।
क्या यह उपलब्धि आर्थिक सुधारों का परिणाम है?
जी हां, यह उपलब्धि आर्थिक सुधारों और सामाजिक कल्याण योजनाओं का परिणाम है, जिसने गरीबों को सशक्त बनाया है।