क्या भारत के इंडस्ट्रियल गुड्स सेक्टर में एडवांस्ड एनालिटिक्स-ड्रिवन प्राइसिंग से संभावनाएं बढ़ सकती हैं?

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क्या भारत के इंडस्ट्रियल गुड्स सेक्टर में एडवांस्ड एनालिटिक्स-ड्रिवन प्राइसिंग से संभावनाएं बढ़ सकती हैं?

सारांश

क्या भारत के इंडस्ट्रियल गुड्स सेक्टर में एडवांस्ड एनालिटिक्स-ड्रिवन प्राइसिंग से संभावनाएं बढ़ सकती हैं? एक नई रिपोर्ट में बताया गया है कि 40 प्रतिशत से कम कंपनियां डेटा-ड्रिवन प्राइसिंग का उपयोग कर रही हैं, जो भविष्य में विशाल विकास की संभावनाएं प्रस्तुत कर सकती हैं।

Key Takeaways

  • भारत के इंडस्ट्रियल गुड्स सेक्टर में विशाल संभावनाएं हैं।
  • 40 प्रतिशत से कम कंपनियां डेटा-ड्रिवन प्राइसिंग का उपयोग कर रही हैं।
  • बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप की रिपोर्ट से नई जानकारी मिली है।
  • मैन्युफैक्चरिंग लागत में कमी के लिए जीएसटी दर में कटौती आवश्यक है।
  • इंडस्ट्रियल ग्रोथ जुलाई में 3.5 प्रतिशत पर पहुंची।

नई दिल्ली, 8 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत के इंडस्ट्रियल गुड्स मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की 40 प्रतिशत से कम कंपनियां आज की तारीख में डेटा-ड्रिवन प्राइसिंग रणनीतियों का उपयोग कर रही हैं, जिससे भविष्य में विकास की विशाल संभावनाएं बनी हुई हैं। यह जानकारी हाल ही में प्रकाशित एक रिपोर्ट में सामने आई है।

बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप (बीसीजी) की रिपोर्ट में कहा गया है कि एडवांस्ड एनालिटिक्स-ड्रिवन प्राइसिंग की ओर बढ़ने वाली ये कंपनियां भारत के 750 अरब डॉलर के इंडस्ट्रियल गुड्स सेक्टर में महत्वपूर्ण संभावनाओं को अनलॉक कर सकती हैं।

यह सेक्टर वर्तमान में सकल घरेलू उत्पाद में लगभग 13 प्रतिशत का योगदान देता है, लेकिन पुरानी प्राइसिंग प्रथाओं के चलते यह वैश्विक प्रतिस्पर्धियों से पिछड़ रहा है।

रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि आजकल अधिक भारतीय कंपनियां अपनी कीमतों को एडजस्ट कर रही हैं और पिछले वर्षों की तुलना में बाजार में बदलावों के प्रति अधिक जागरुक हो रही हैं।

अध्ययन से पता चला है कि 60 प्रतिशत से अधिक कंपनियां ट्रेडिशनल कॉस्ट-प्लस प्राइसिंग और यूनिफॉर्म लिस्ट प्राइसिंग पर निर्भर हैं।

वहीं, 40 प्रतिशत से कम कंपनियां डेटा-ड्रिवन, कंज्यूमर या डील-स्पेसिफिक प्राइसिंग रणनीतियों का उपयोग कर रही हैं।

वैश्विक प्लेयर्स तेजी से एडवांस्ड एनालिटिक्स, रीयल टाइम इंटेलिजेंस, एआई-ड्रिवन इनसाइट और वैल्यू बेस्ड प्राइस रणनीतियों का उपयोग कर रहे हैं।

बीसीजी में पार्टनर और डायरेक्टर - प्राइसिंग प्रैक्टिस के एपीएसी हेड किरण पुदी ने कहा, "भारत के इंडस्ट्रियल गुड्स सेक्टर में मूल्य निर्धारण मुख्यतः एक बैक-ऑफिस कार्य बनकर रह गया है, जिसमें सीमित कार्यकारी स्वामित्व और यूनीफॉर्म लिस्ट प्राइसिंग पर निर्भरता बनी हुई है। वैश्विक प्रतिस्पर्धी कंपनियां विकास और मार्जिन को बढ़ाने के लिए एनालिटिक्स, रीयल-टाइम इंटेलिजेंस और वैल्यू-बेस्ड रणनीतियों द्वारा संचालित डायनैमिक प्राइसिंग निर्धारण की ओर रुख कर रही हैं।"

कंपनी ने कहा कि इंडस्ट्री लीडर्स को प्राइसिंग को प्रतिस्पर्धात्मक लाभ का एक सटीक स्रोत बनाने के लिए एडवांस्ड प्राइसिंग मॉडल्स, डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर और संगठनात्मक डिजाइन में निवेश बढ़ाने की आवश्यकता है।

विश्लेषकों ने कहा है कि कैपिटल गुड्स और इंडस्ट्रियल इनपुट पर जीएसटी दर में कटौती से मैन्युफैक्चरिंग लागत में कमी आएगी।

सरकार के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, इंडेक्स ऑफ इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन (आईआईपी) पर आधारित भारत की इंडस्ट्रियली ग्रोथ जुलाई में चार महीने के उच्चतम स्तर 3.5 प्रतिशत पर पहुंच गई, जो मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के मजबूत प्रदर्शन का परिणाम है। इंडस्ट्रियल ग्रोथ रेट जून के 1.5 प्रतिशत से जुलाई में तेज हुई है।

Point of View

यह कहना उचित होगा कि भारत के इंडस्ट्रियल गुड्स सेक्टर में एडवांस्ड एनालिटिक्स-ड्रिवन प्राइसिंग की तरफ बढ़ना आवश्यक है। ऐसा करना न केवल प्रतिस्पर्धा में बने रहने के लिए जरूरी है, बल्कि यह हमारे आर्थिक विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान देगा।
NationPress
08/09/2025

Frequently Asked Questions

भारत में इंडस्ट्रियल गुड्स सेक्टर का योगदान क्या है?
भारत का इंडस्ट्रियल गुड्स सेक्टर सकल घरेलू उत्पाद में लगभग 13 प्रतिशत का योगदान देता है।
डेटा-ड्रिवन प्राइसिंग क्या है?
डेटा-ड्रिवन प्राइसिंग एक रणनीति है जिसमें डेटा एनालिटिक्स का उपयोग करके मूल्य निर्धारण का निर्णय लिया जाता है।
बीसीजी की रिपोर्ट में क्या कहा गया है?
बीसीजी की रिपोर्ट में बताया गया है कि एडवांस्ड एनालिटिक्स-ड्रिवन प्राइसिंग से कंपनियों को महत्वपूर्ण संभावनाएं मिल सकती हैं।
सरकार के आंकड़ों के अनुसार, जुलाई में इंडस्ट्रियल ग्रोथ कितनी थी?
जुलाई में इंडस्ट्रियल ग्रोथ 3.5 प्रतिशत थी, जो चार महीने में उच्चतम स्तर है।
कंपनियों को प्राइसिंग में सुधार के लिए क्या करना चाहिए?
कंपनियों को एडवांस्ड प्राइसिंग मॉडल्स और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश बढ़ाने की जरूरत है।