क्या भारत श्रीलंका की मदद में आगे बढ़ रहा है? ऑपरेशन सागर बंधु के तहत मानवीय सहायता जारी
सारांश
Key Takeaways
- चक्रवात दितवाह से श्रीलंका में भारी तबाही हुई है।
- भारत ने ऑपरेशन सागर बंधु के तहत मानवीय सहायता प्रदान की है।
- राहत सामग्री और चिकित्सा टीम श्रीलंका भेजी गई हैं।
- एनडीआरएफ की टीमें राहत कार्यों में सक्रिय हैं।
- भारत ने 1500 फंसे भारतीयों को निकाला है।
नई दिल्ली, 1 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। श्रीलंका में चक्रवात दितवाह ने भयंकर तबाही मचाई है। इस तूफान के कारण अब तक 334 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 370 लोगों के बारे में अभी तक कोई जानकारी नहीं मिली है। ऐसे में भारत ने अपने पड़ोसी देश की सहायता के लिए कदम बढ़ाया है।
भारत ने श्रीलंका को आपातकालीन मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) सहायता प्रदान करने के लिए ऑपरेशन सागर बंधु की शुरुआत की है।
ऑपरेशन सागर बंधु के अंतर्गत भारत सरकार ने कोलंबो में दो भारतीय नौसेना जहाजों से 9.5 टन आपातकालीन राशन तुरंत भेजा। इसके साथ टेंट, तिरपाल, कंबल, स्वच्छता किट, खाने-पीने के लिए तैयार खाद्य पदार्थ, दवाइयाँ और शल्य चिकित्सा उपकरण भी भेजे गए हैं। इसके अलावा, 5 व्यक्तियों की चिकित्सकीय टीम को मौके पर भेजा गया है। बचाव प्रयासों के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की 80 व्यक्तियों की विशेष शहरी खोज और बचाव (यूएसएआर) टीम भी तैनात की गई है, जिसमें 31.5 टन राहत सामग्री भेजी गई।
इसके अलावा, भारतीय नौसेना के जहाज सुकन्या से त्रिंकोमाली में 12 टन अतिरिक्त राहत सामग्री भेजी गई है। कुल 53 टन राहत सामग्री वितरित की जा चुकी है।
आईएनएस विक्रांत के चेतक हेलीकॉप्टरों और भारतीय वायु सेना के एमआई-17 हेलीकॉप्टरों ने श्रीलंकाई वायु सेना के साथ मिलकर व्यापक बचाव अभियान चलाया। गर्भवती महिलाओं, शिशुओं और गंभीर रूप से घायल लोगों को हवाई मार्ग से निकाला गया। बचाए गए लोगों में श्रीलंका, भारत, जर्मनी, स्लोवेनिया, यूनाइटेड किंगडम, दक्षिण अफ्रीका, पोलैंड, बेलारूस, ईरान, ऑस्ट्रेलिया, पाकिस्तान और बांग्लादेश के नागरिक शामिल थे।
एनडीआरएफ की टीमें श्रीलंका के विभिन्न गंभीर रूप से प्रभावित और अलग-थलग क्षेत्रों में खोज और बचाव अभियान चला रही हैं, बाढ़ प्रभावित परिवारों की सहायता कर रही हैं और उनकी तत्काल सुरक्षा सुनिश्चित कर रही हैं। इन संयुक्त अभियानों में कुल 121 लोगों को बचाया गया है और सहायता प्रदान की जा रही है, जो जारी है।
चक्रवात दितवाह के कारण फंसे भारतीय नागरिकों को भी भारतीय वायु सेना की तीन विशेष उड़ानों और तीन वाणिज्यिक उड़ानों के माध्यम से निकाला गया है, जिसमें कुल 1500 फंसे हुए भारतीयों को वापस लाया जा चुका है।
भारत की पड़ोसी प्रथम नीति और विजन महासागर के मार्गदर्शन में, भारत इस कठिन समय में श्रीलंका सरकार और लोगों के साथ एकजुटता से खड़ा है और चल रहे बचाव और राहत प्रयासों का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध है।