क्या भारत के रक्षा सचिव खलील से मिले मालदीव के विदेश मंत्री ने सैन्य सहयोग और क्षेत्रीय सुरक्षा पर चर्चा की?

सारांश
Key Takeaways
- भारत-मालदीव के बीच बढ़ता सैन्य सहयोग
- क्षेत्रीय सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए समझौतों की आवश्यकता
- द्विपक्षीय रक्षा वार्ता का महत्व
- दुनिया में शांति और सुरक्षा को बनाए रखने की दिशा में कदम
- भारत सरकार की ऋण सहायता की भूमिका
नई दिल्ली, 7 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह ने मालदीव की अपनी दो दिवसीय यात्रा के दौरान विदेश मंत्री डॉ. अब्दुल्ला खलील से मुलाकात की। इस बातचीत में दोनों देशों के बीच सैन्य सहयोग और क्षेत्रीय सुरक्षा पर गहन चर्चा हुई।
इस मुलाकात में, दोनों नेताओं ने भारत-मालदीव साझेदारी के तहत रक्षा सहयोग को और अधिक मजबूती प्रदान करने की आवश्यकता पर बल दिया। रक्षा मंत्रालय ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कहा, "रक्षा सचिव ने अपनी यात्रा के दौरान विदेश मंत्री से मुलाकात की, जिसमें आईओआर में सैन्य सहयोग, क्षमता निर्माण, और रक्षा उपकरणों के संवर्धन पर चर्चा की गई।"
इसके साथ ही, 6-7 अक्टूबर को अपने दौरे के दौरान, उन्होंने माले में सीडीएफ मेजर जनरल इब्राहिम हिल्मी से भी मुलाकात की। दोनों ने द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को और अधिक गहरा करने के लिए उपयोगी चर्चाएँ की।
रक्षा सचिव ने 6 अक्टूबर को भारत और मालदीव के बीच वार्षिक रक्षा सहयोग वार्ता के छठे संस्करण में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया, जिसमें क्षमता निर्माण, प्रशिक्षण, और सैन्य अभ्यास पर चर्चा की गई।
यह बताया गया है कि भारत और मालदीव के बीच रक्षा सहयोग की वृद्धि से क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता में सुधार होगा। दोनों देशों के बीच बढ़ते रक्षा संबंध शांति और सुरक्षा को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण हैं।
इससे पहले, 25-26 जुलाई को पीएम मोदी ने मालदीव का दौरा किया था, जहां उन्होंने राष्ट्रपति मुइज्जू से मुलाकात की और कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए।
भारत सरकार द्वारा मालदीव को 4,850 करोड़ रुपये की ऋण सहायता का विस्तार किया गया है। इसके अलावा, भारत-मालदीव मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत की शुरुआत हुई, और दोनों देशों के राजनयिक संबंधों की स्थापना की 60वीं वर्षगांठ पर डाक टिकट भी जारी किया गया था।