क्या भारत में एप्पल का मैन्युफैक्चरिंग पर जोर रोजगार बढ़ाने और टैक्स चोरी को रोकने में मदद करेगा?

सारांश
Key Takeaways
- एप्पल आईफोन 17 का निर्माण भारत में होगा।
- सप्लाई चेन की दक्षता में वृद्धि होगी।
- टैक्स लीकेज कम होगा।
- भारत की उत्पादन-आधारित प्रोत्साहन योजना को लाभ होगा।
- नौकरी के अवसर बढ़ेंगे।
नई दिल्ली, 11 सितंबर (राष्ट्र प्रेस) विशेषज्ञों का मानना है कि टेक कंपनी एप्पल आईफोन 17 श्रृंखला का निर्माण भारत में करेगी। यह कदम सप्लाई चेन की दक्षता को बढ़ाएगा, टैक्स लीकेज को कम करेगा और देश को प्रीमियम डिवाइस मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में और मजबूत करेगा।
ग्रांट थॉर्नटन भारत के अनुसार, एप्पल का विस्तारित नेटवर्क मेक इन इंडिया पहल को समर्थन देगा, जिससे निर्यात में वृद्धि और रोजगार के अवसरों में इजाफा होगा। इसके अलावा, भारत की हाई-टेक मैन्युफैक्चरिंग के रूप में प्रतिष्ठा बढ़ने की उम्मीद है।
एप्पल, फॉक्सकॉन और टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स के माध्यम से तमिलनाडु और कर्नाटक में उत्पादन स्थानांतरित कर कंपनी बेसिक कस्टम ड्यूटी से बचती है। अन्यथा, उसे आयातित पूरी तरह से असेंबल किए गए उपकरणों पर यह शुल्क अदा करना पड़ता।
ग्रांट थॉर्नटन भारत में टैक्स प्लानिंग और ऑप्टिमाइजेशन के साझेदार कृष्ण अरोड़ा ने कहा कि स्थानीय असेंबली कंपनी को अमेरिका में संभावित टैरिफ बढ़ोतरी से भी सुरक्षित रखती है।
अमेरिका द्वारा भारत पर उच्च टैरिफ लगाए जाने के बाद, कुछ निर्यातों पर अब 50 प्रतिशत तक के शुल्क लग रहे हैं, हालांकि स्मार्टफोन पर अभी तक इस तरह के शुल्क लागू नहीं हैं।
एप्पल के इस कदम से भारत की उत्पादन-आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना को भी लाभ होगा। यह योजना पिछले पांच वर्षों से भारत में निर्मित फोन की बिक्री में 4-6 प्रतिशत नकद प्रोत्साहन प्रदान कर रही है।
अरोड़ा ने कहा कि हालांकि, इस निर्णय से भारत में उपभोक्ताओं के लिए कीमतें तुरंत कम नहीं होंगी।
उन्होंने यह भी बताया कि इससे एप्पल के अनुबंध निर्माताओं को वित्त वर्ष 2024-25 में आईफोन निर्यात में 10 बिलियन डॉलर से अधिक का आंकड़ा पार करने में मदद मिलेगी।
2025 की पहली छमाही में, भारत में असेंबल किए गए 78 प्रतिशत आईफोन अमेरिका भेजे गए, जो पिछले वर्ष 53 प्रतिशत थे।
तमिलनाडु सरकार ने पूंजीगत सब्सिडी, तेज़ी से पर्यावरणीय मंजूरी और समर्पित इलेक्ट्रॉनिक्स पार्क की पेशकश की है, जबकि कर्नाटक ने रियायती दरों पर भूमि, बिजली दरों में छूट और कौशल विकास अनुदान की पेशकश की है।