क्या भारत में डेंगू के मामलों की संख्या 49,573 तक पहुँच गई है? सरकार ने क्या उपाय किए हैं?

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क्या भारत में डेंगू के मामलों की संख्या 49,573 तक पहुँच गई है? सरकार ने क्या उपाय किए हैं?

सारांश

भारत में डेंगू के मामलों की संख्या में वृद्धि हुई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 49,573 मामलों और 42 मौतों की पुष्टि की है। सरकार ने डेंगू के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए 'ऑक्टालॉग' नामक नई रणनीति लागू की है। यह जानें कि सरकार क्या कदम उठा रही है।

Key Takeaways

  • भारत में डेंगू के मामलों की संख्या 49,573 है।
  • 42 मौतें डेंगू से हुई हैं।
  • दिल्ली में मामलों में कमी आई है।
  • सरकार ने 'ऑक्टालॉग' रणनीति लागू की है।
  • राज्यों को सतर्क रहने के लिए कहा गया है।

नई दिल्ली, 15 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने सोमवार को जानकारी दी कि भारत में अगस्त तक डेंगू के 49,573 मामले दर्ज किए गए हैं और इस मच्छर जनित बीमारी से 42 मौतें भी हुई हैं।

दिल्ली में 31 अगस्त 2025 तक 964 डेंगू के मामले सामने आए हैं, जो 2024 की इसी अवधि में 1,215 मामलों से कम हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने इस संबंध में एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक में मंत्रालय को अवगत कराया।

इसके अतिरिक्त, दिल्ली-एनसीआर के आस-पास के राज्यों में भी डेंगू के मामलों में बढ़ोतरी देखी गई है। उत्तर प्रदेश में 1,646 मामले, हरियाणा में 298 मामले और राजस्थान में 1,181 मामले रिपोर्ट किए गए हैं।

2024 में देशभर में डेंगू के 2,33,519 मामले सामने आए थे, जिसमें 297 लोगों की जान गई थी। मंत्रालय ने बताया कि इस साल डेंगू का प्रकोप अभी कम है, लेकिन स्वास्थ्य मंत्री नड्डा ने राज्यों को चेतावनी दी है कि वे मामलों में अचानक वृद्धि के लिए सतर्क रहें।

स्वास्थ्य मंत्री ने राज्यों से अनुरोध किया कि वे अपनी तैयारियों की फिर से समीक्षा करें, विशेष रूप से लंबे बारिश के मौसम और जलभराव की स्थिति को ध्यान में रखते हुए।

यह बैठक डेंगू की वर्तमान स्थिति, नगर निगमों, अस्पतालों और राज्य सरकारों की तैयारियों का मूल्यांकन करने के लिए आयोजित की गई थी, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि निगरानी, केस प्रबंधन और वेक्टर नियंत्रण में कोई कमी न हो।

नड्डा ने स्कूलों, श्रमिक शिविरों और डेंगू प्रभावित क्षेत्रों में विशेष अभियान चलाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा, "हमें संभावित महामारी से निपटने के लिए पहले से तैयार रहना चाहिए।"

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने दिल्ली और एनसीआर में डेंगू नियंत्रण के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाने के निर्देश दिए। उन्होंने वेक्टर नियंत्रण को मजबूत करने के लिए 'स्रोत में कमी' का कार्य तेज करने और बारिश से भरे कंटेनरों को साफ करने की सलाह दी। साथ ही, बुखार के बढ़ते मामलों वाले क्षेत्रों में कीटाणुनाशक धुंआ छिड़कने के निर्देश भी दिए गए।

नड्डा ने यह भी कहा कि अस्पतालों को विशेष रूप से तैयार रखा जाना चाहिए, जिसमें पर्याप्त बिस्तर, रक्त के घटक, दवाइयाँ, कीटनाशक और निदान सुविधाएं शामिल हों। साथ ही, सेंटिनल सर्विलांस अस्पतालों को सतर्क रखने और अन्य सार्वजनिक तथा निजी अस्पतालों को अलर्ट करने के निर्देश दिए गए हैं।

मंत्रालय ने जानकारी दी कि डेंगू की रोकथाम के लिए राष्ट्रीय स्तर पर एक रणनीति लागू की गई है, जिसे 'ऑक्टालॉग' नाम दिया गया है। यह रणनीति आठ स्तंभों पर आधारित है, जिसमें निगरानी, केस प्रबंधन, वेक्टर प्रबंधन, प्रकोप प्रतिक्रिया, क्षमता निर्माण, व्यवहार में बदलाव संचार, अंतर-मंत्रालयी समन्वय, और निगरानी एवं पर्यवेक्षण शामिल हैं।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह भी बताया कि सरकार पहले ही कई कदम उठा चुकी है, जिनमें सलाह जारी करना, उच्च-स्तरीय समीक्षा बैठकें, केस प्रबंधन पर प्रशिक्षण, नि:शुल्क निदान सुविधाएं, समुदाय जागरूकता अभियान, अंतर-मंत्रालयी समन्वय और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत वित्तीय सहायता प्रदान करना शामिल है।

Point of View

यह आवश्यक है कि हम डेंगू की स्थिति पर ध्यान दें। सरकार ने इस संकट का सामना करने के लिए ठोस कदम उठाए हैं, लेकिन हमें अपने स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए सतर्क रहना चाहिए। सभी को मिलकर इस चुनौती का सामना करना होगा।
NationPress
15/09/2025

Frequently Asked Questions

भारत में डेंगू के मामले कब से बढ़ रहे हैं?
भारत में डेंगू के मामले इस साल अगस्त तक बढ़कर 49,573 तक पहुँच गए हैं।
डेंगू से कितनी मौतें हुई हैं?
डेंगू से इस साल 42 मौतें हुई हैं।
'ऑक्टालॉग' रणनीति क्या है?
'ऑक्टालॉग' आठ स्तंभों पर आधारित एक रणनीति है, जो डेंगू की रोकथाम के लिए बनाई गई है।
दिल्ली में डेंगू के मामले कितने हैं?
दिल्ली में 31 अगस्त 2025 तक 964 डेंगू के मामले सामने आए हैं।
सरकार ने डेंगू के लिए क्या कदम उठाए हैं?
सरकार ने सलाह जारी की है, समीक्षा बैठकें की हैं और समुदाय जागरूकता अभियान चलाए हैं।