क्या पीएम मोदी के कार्यकाल में भारत में औसत महंगाई दर 3 प्रतिशत कम हुई?

सारांश
Key Takeaways
- भारत में औसत महंगाई दर पिछले 11 वर्षों में 5.1 प्रतिशत रही है।
- जून 2025 में महंगाई दर 2.1 प्रतिशत पर आ गई है।
- यूपीए के समय महंगाई दर 8.1 प्रतिशत थी।
- ग्रामीण क्षेत्र में महंगाई 1.72 प्रतिशत और शहरी क्षेत्र में 2.56 प्रतिशत रही है।
नई दिल्ली, 15 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। भारत में खुदरा महंगाई दर पिछले 11 वर्षों में लगभग 5 प्रतिशत के आसपास बनी रही है, लेकिन हाल के महीनों में इसमें तेजी से गिरावट आई है। जून 2025 में यह दर घटकर 2.1 प्रतिशत पर आ गई है।
वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में औसत महंगाई दर 5.1 प्रतिशत रही है, जबकि यूपीए के कार्यकाल में यह 8.1 प्रतिशत थी।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए के कार्यकाल के दौरान जनवरी 2012 से अप्रैल 2014 तक के 28 महीनों में से 22 महीनों में महंगाई दर 9 प्रतिशत से अधिक रही।
यूपीए के अंतिम तीन वर्षों में खुदरा महंगाई की औसत दर 9.8 प्रतिशत रही, जबकि वैश्विक महंगाई उस समय 4-5 प्रतिशत के बीच थी।
दूसरी ओर, पीएम मोदी के नेतृत्व में खुदरा महंगाई दर अधिकतर समय 5 प्रतिशत से कम रही है और कभी भी यह 8 प्रतिशत से ऊपर नहीं गई।
जून 2025 में खुदरा महंगाई दर घटकर 2.1 प्रतिशत हो गई, जो पिछले महीने की तुलना में 0.72 प्रतिशत की कमी दर्शाती है। मई में यह 2.82 प्रतिशत थी।
जून 2025 में दर्ज की गई खुदरा महंगाई दर जनवरी 2019 के बाद का सबसे न्यूनतम आंकड़ा है।
मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, पिछले महीने ग्रामीण स्तर पर खुदरा महंगाई दर 1.72 प्रतिशत रही, जबकि शहरी स्तर पर यह 2.56 प्रतिशत रही।
महंगाई में यह गिरावट मुख्यतः सब्जियों, दालों, मांस और मसालों की कीमतों में कमी के कारण हुई है।
इसी बीच, रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने हाल ही में बताया कि आरबीआई ने 2025-26 के लिए महंगाई दर के अनुमान को 4 प्रतिशत से घटाकर 3.7 प्रतिशत कर दिया है।
आगामी वित्त वर्ष 2025-26 के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) महंगाई दर अब 3.7 प्रतिशत रहने की उम्मीद है, जिसमें पहली तिमाही में 2.9 प्रतिशत, दूसरी तिमाही में 3.4 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 3.9 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 4.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है।