क्या असम सीएम के बयान पर महुआ माझी का पलटवार सही है?

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क्या असम सीएम के बयान पर महुआ माझी का पलटवार सही है?

सारांश

महुआ माझी ने असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा के बयान को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी है, जिसमें उन्होंने भारत की लोकतांत्रिक पहचान और समानता पर जोर दिया है। इस लेख में जानें, उन्होंने क्या कहा और इस पर भाजपा की प्रतिक्रिया क्या रही।

Key Takeaways

  • महुआ माझी का बयान लोकतंत्र की नींव को मजबूत करता है।
  • जाति-धर्म आधारित राजनीति का कोई स्थान नहीं होना चाहिए।
  • भारत की पहचान उसकी साझा संस्कृति है।
  • सरकार का कार्य सभी के लिए समान होना चाहिए।
  • भाजपा ने धर्मनिरपेक्षता का दावा किया है।

नई दिल्ली, 12 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड मुक्ति मोर्चा की सांसद महुआ माझी ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के हालिया बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है और यहां का संविधान हर नागरिक को, चाहे वह किसी भी जाति, धर्म या समुदाय से हो, समान अधिकार प्रदान करता है। भारत की पहचान उसकी साझा संस्कृति और बहुसांस्कृतिक विरासत से बनी है।

महुआ माझी ने आगे कहा कि भारत केवल एक धर्म या एक जाति से नहीं बना है, बल्कि यह सदियों से विभिन्न संस्कृतियों के लोगों का संगम स्थल रहा है। उदाहरण के तौर पर, डच, फ्रेंच, पुर्तगाली, मुगल, पठान और अंग्रेज़ सभी भारत आए हैं। इनके आगमन ने न केवल सामाजिक और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा दिया, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था और जीवनशैली पर भी महत्वपूर्ण प्रभाव डाला। किसी समूह को उखाड़ने की बात करना या उन्हें देश की राजनीति में भाग न देने की बात करना पूरी तरह से गलत और असंवैधानिक है।

उन्होंने यह भी जोड़ा कि कई जातियों और धर्मों के लोग, जिन पर आज प्रश्न उठाए जा रहे हैं, ने भारत की स्वतंत्रता की लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसलिए किसी एक समुदाय को निशाना बनाना उचित नहीं है। महुआ माझी ने स्पष्ट किया कि मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री का पद किसी एक धर्म या जाति का नहीं होता, यह पूरे देश का होता है। उन्होंने हिमंत बिस्वा सरमा को सलाह दी कि ऐसे बयानों से बचना चाहिए, क्योंकि यह देश की एकता के खिलाफ है।

भाजपा की ओर से इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा सांसद मनोज तिग्गा ने कहा कि केंद्र सरकार कभी भी धर्म या जाति के आधार पर योजनाएं नहीं चलाती। उनका कहना है कि प्रधानमंत्री आवास योजना, उज्ज्वला योजना या प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, इन सभी योजनाओं का लाभ हर धर्म और हर जाति के लोगों को मिलता है। जब सड़कें बनती हैं, तो उस पर केवल हिंदू नहीं चलते, सभी चलते हैं। गैस सिलेंडर भी किसी धर्म को देखकर नहीं दिया जाता।

मनोज तिग्गा ने यह भी कहा कि भाजपा ही असल में धर्मनिरपेक्ष पार्टी है, क्योंकि यह सभी 140 करोड़ भारतीयों की सेवा करने का संकल्प रखती है। उन्होंने कहा कि कौन किसे वोट देगा, यह हर नागरिक के विवेक पर निर्भर करता है, लेकिन सरकार का काम सभी के लिए समान होना चाहिए और भाजपा वही कर रही है।

Point of View

यह बात भाजपा के नेता मनोज तिग्गा ने भी कही है। यह मुद्दा हमें यह सोचने पर मजबूर करता है कि क्या हम वास्तव में एकता के सिद्धांत पर चल रहे हैं।
NationPress
12/12/2025

Frequently Asked Questions

महुआ माझी ने असम के सीएम के बयान पर क्या प्रतिक्रिया दी?
महुआ माझी ने कहा कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है और संविधान सभी को समान अधिकार देता है।
भाजपा सांसद मनोज तिग्गा ने इस मुद्दे पर क्या कहा?
मनोज तिग्गा ने कहा कि केंद्र सरकार योजनाएं कभी भी धर्म या जाति के आधार पर नहीं चलाती।
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