क्या भारत-फ्रांस महासागर मिशन में भारत ने पांच हजार मीटर गहराई में गोता लगाकर कीर्तिमान स्थापित किया?

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क्या भारत-फ्रांस महासागर मिशन में भारत ने पांच हजार मीटर गहराई में गोता लगाकर कीर्तिमान स्थापित किया?

सारांश

भारत ने भारत-फ्रांस महासागर मिशन के तहत पांच हजार मीटर गहराई में गोता लगाकर नई ऊँचाइयों को छू लिया है। यह ऐतिहासिक उपलब्धि समुद्री अनुसंधान में वैज्ञानिक प्रगति को दर्शाती है। जानें इस मिशन की महत्वपूर्ण विशेषताएँ और भविष्य की संभावनाएँ।

Key Takeaways

  • भारत ने 5000 मीटर गहराई में गोता लगाकर नया कीर्तिमान स्थापित किया।
  • यह भारत-फ्रांस महासागर मिशन का हिस्सा है।
  • मत्स्य 6000 परियोजना गहरे समुद्र में अन्वेषण के लिए महत्वपूर्ण है।
  • समुद्री विज्ञान में भारत की क्षमताएँ बढ़ी हैं।
  • यह भविष्य के समुद्री अभियानों का मार्ग प्रशस्त करेगा।

नई दिल्‍ली, 14 अगस्‍त (राष्ट्र प्रेस)। भारत ने भारत-फ्रांस महासागर मिशन के तहत पांच हजार मीटर गहराई में गोता लगाने का एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने गुरुवार को अटलांटिक महासागर में फ्रांसीसी पनडुब्बी नॉटाइल पर सवार एक भारतीय गोताखोर द्वारा पांच हजार मीटर की गहराई में गोता लगाने की सूचना दी।

यह समुद्र अन्वेषण कार्यक्रम की एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। यह गहरे समुद्र मिशन के तहत भारत और फ्रांस के बीच सहयोग का एक हिस्सा है, जिसका उद्देश्य समुद्री पर्यावरण में वैज्ञानिक अनुसंधान और प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देना है।

केंद्रीय मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि यह उपलब्धि भारत की महत्वाकांक्षी 'मत्स्य 6000 परियोजना' की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। समुद्रयान परियोजना के तहत देश की पहली स्वदेशी विकसित गहरे समुद्र में मानव निर्मित पनडुब्बी 'मत्स्य 6000' को गहरे समुद्र में अन्वेषण, संसाधन मूल्यांकन और जैव विविधता अध्ययन के लिए छह हजार मीटर तक की गहराई तक पहुँचने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

उन्होंने आगे कहा कि यह सफल गोता समुद्री विज्ञान और प्रौद्योगिकी में भारत की बढ़ती क्षमताओं को दर्शाता है और समुद्री अनुसंधान में हमारी वैश्विक साझेदारी को मजबूत करता है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि हमने अंतरिक्ष और गहरे समुद्र दोनों में एक साथ आगे बढ़ने की योजना बनाई है। मुझे विश्वास है कि यह 'जुगलबंदी' अगले वर्ष भी दोहराई जाएगी, जब एक भारतीय यान अंतरिक्ष में जाएगा, और एक या एक से अधिक भारतीय स्वदेशी पनडुब्बी गहरे समुद्र में उतरेंगी। दोनों ही मिशन पूरी तरह से स्वदेशी होंगे।

यह मिशन चेन्नई के राष्ट्रीय महासागर प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईओटी) के सहयोग से पूरा किया गया और इससे भविष्य के गहरे समुद्री अभियानों का मार्ग प्रशस्त होने की उम्मीद है। इसमें हिंद महासागर में अत्यधिक गहराई पर पहला मानवयुक्त अवतरण भी शामिल है।

Point of View

बल्कि यह हमें समुद्री अनुसंधान और प्रौद्योगिकी में वैश्विक स्तर पर एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाने की दिशा में अग्रसर करती है। भारत-फ्रांस सहयोग ने इस मिशन को संभव बनाया है, जो हमारी वैज्ञानिक क्षमता को और मजबूत करेगा।
NationPress
23/08/2025

Frequently Asked Questions

भारत-फ्रांस महासागर मिशन क्या है?
यह एक समुद्र अन्वेषण कार्यक्रम है जिसमें भारत और फ्रांस सहयोग कर रहे हैं।
मत्स्य 6000 परियोजना क्या है?
यह भारत की पहली स्वदेशी पनडुब्बी परियोजना है जो गहरे समुद्र में अन्वेषण के लिए डिज़ाइन की गई है।
इस गोताखोरी से भारत को क्या लाभ होगा?
यह समुद्री विज्ञान में भारत की क्षमताओं को बढ़ाता है और वैज्ञानिक अनुसंधान में वैश्विक साझेदारी को मजबूत करता है।