क्या भारत ने पृथ्वी-II और अग्नि-I बैलिस्टिक मिसाइलों का सफल परीक्षण किया?

सारांश
Key Takeaways
- भारत ने पृथ्वी-II और अग्नि-I मिसाइलों का सफल परीक्षण किया।
- यह परीक्षण ओडिशा के चांदीपुर से किया गया।
- मिसाइलों ने सभी मानकों को पूरा किया।
- ये मिसाइलें सामरिक सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
- भारत की सुरक्षा संरचना को मजबूत करती हैं।
नई दिल्ली, 17 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। भारत ने गुरुवार को दो महत्वपूर्ण मिसाइलों का सफल परीक्षण किया है। ये परीक्षण भारत की सबसे महत्वपूर्ण मिसाइलों में शुमार पृथ्वी और अग्नि मिसाइलों से संबंधित हैं।
रक्षा मंत्रालय के अनुसार, भारत ने पृथ्वी-II और अग्नि-I शॉर्ट रेंज बैलिस्टिक मिसाइलों के परीक्षण किए हैं, और इन दोनों मिसाइलों के टेस्ट फायर पूरी तरह से सफल रहे। ये परीक्षण ओडिशा के चांदीपुर स्थित इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज (आईटीआर) से किए गए थे।
दोनों मिसाइल परीक्षण स्ट्रैटेजिक फोर्सेज कमांड (एसएफसी) के तत्वावधान में किए गए। परीक्षण के दौरान भारतीय मिसाइलों ने सभी संचालनात्मक और तकनीकी मानकों को सफलतापूर्वक प्रमाणित किया है। ये दोनों मिसाइलें देश की सामरिक क्षमता को सुदृढ़ करती हैं और न्यूनतम प्रतिरोधक नीति के तहत भारत की सुरक्षा संरचना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।
24 घंटे में यह दूसरा महत्वपूर्ण सफल परीक्षण है। इससे पहले बुधवार को भारत ने अपने एयर डिफेंस सिस्टम को बेहतर करने के मिशन में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की थी। बुधवार को भारतीय सेना ने लद्दाख सेक्टर में लगभग 15,000 फीट की ऊंचाई पर ‘आकाश प्राइम’ एयर डिफेंस सिस्टम का सफल परीक्षण किया था। यह एयर डिफेंस सिस्टम भारत ने स्वदेशी रूप से विकसित किया है।
‘आकाश प्राइम’ एयर डिफेंस सिस्टम का सफल परीक्षण थल सेना की एयर डिफेंस विंग के वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में हुआ। इस दौरान रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे। डीआरडीओ ने ही इस एयर डिफेंस सिस्टम को विकसित किया है।
रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, एयर डिफेंस सिस्टम का परीक्षण करते समय सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों ने तेज गति से उड़ रहे दो लक्ष्यों पर सटीक वार किए। यह परीक्षण अत्यधिक ऊंचाई और विरल वायुमंडल वाले क्षेत्र में किया गया, जहां सामान्य संचालन भी कठिन होता है।
आकाश प्राइम सिस्टम को भारतीय सेना की तीसरी और चौथी ‘आकाश रेजिमेंट’ में शामिल किया जाएगा। 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान भारत की एयर डिफेंस प्रणाली ने पाकिस्तानी सेना के चीनी लड़ाकू विमानों और तुर्की ड्रोन से किए गए हवाई हमलों को नाकाम करने में अहम भूमिका निभाई थी।