क्या भारत ने श्रीलंका के जाफना में 120 फुट डुअल ब्रिज से कनेक्टिविटी बहाल करने में मदद की?
सारांश
Key Takeaways
- चक्रवात 'दित्वाह' से प्रभावित जाफना में निर्माण कार्य शुरू।
- 120 फुट लंबा डुअल ब्रिज कनेक्टिविटी को बहाल करेगा।
- स्थानीय व्यापार और आवाजाही को बढ़ावा मिलेगा।
- राहत और चिकित्सा सहायता की पहुँच में सुधार होगा।
- यह कार्य भारत और श्रीलंका के बीच सहयोग का प्रतीक है।
नई दिल्ली, 19 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस) चक्रवात ‘दित्वाह’ से गंभीर रूप से प्रभावित श्रीलंका के जाफना में भारतीय सेना तेजी से पुनर्स्थापन कार्यों में व्यस्त है। इसके अंतर्गत, भारतीय सेना ने यहां एक महत्वपूर्ण इंजीनियरिंग ऑपरेशन की शुरुआत की है। भारतीय सेना की इंजीनियर टास्क फोर्स इस क्षेत्र में एक 120 फुट लंबे डुअल कैरेजवे बेली ब्रिज की कनेक्टिविटी स्थापित करने पर कार्यरत है।
भारतीय सेना ने शुक्रवार को जानकारी दी कि बेली ब्रिज के निर्माण की प्रक्रिया आरंभ कर दी गई है, जो इस क्षेत्र में मुख्य सड़क संपर्क को पुनः स्थापित करेगा। यह मार्ग इस पूरे क्षेत्र में कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के लिए अत्यंत आवश्यक है। भारतीय सेना के अनुसार, उनके इंजीनियरिंग दल ने पुल के निर्माण से पहले आवश्यक तैयारी कार्य सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। इसमें यहां पहले से मौजूद पुराने और क्षतिग्रस्त पुल को सुरक्षित तरीके से हटाना शामिल था।
पुराने पुल को हटाने के बाद उसके मलबे को पूरी तरह से साफ किया गया है। पुल के दोनों किनारों पर मजबूत पाइल फाउंडेशन का निर्माण किया गया है, ताकि पुल अधिक भार सहन कर सके। भारतीय सेना ने नींव कार्यों की समाप्ति के बाद अब बेली ब्रिज की फिटिंग और लॉन्चिंग प्रारंभ कर दी है।
सेना के अनुसार, यह पुल श्रीलंका के महत्वपूर्ण क्षेत्रों को जोड़ने का कार्य करेगा। बेली ब्रिज के चालू होने के बाद यहां वाहनों की आवाजाही संभव हो सकेगी। इसके संचालन से जाफना के टूटी हुई सड़कों की कनेक्टिविटी भी बहाल होगी। इसके माध्यम से परन्थन और मुल्लैतिवु जैसे महत्वपूर्ण कस्बों के बीच परिवहन सामान्य होगा। साथ ही, राहत सामग्री, चिकित्सा सहायता और मानवतावादी सहायता तेजी से प्रभावित क्षेत्रों में पहुँच सकेगी।
सेना का कहना है कि इस निर्माण कार्य से स्थानीय निवासियों की दैनिक आवाजाही और व्यापारिक गतिविधियों में भी तेजी आएगी।
गौरतलब है कि चक्रवात दित्वाह ने श्रीलंका में व्यापक तबाही मचाई थी। कई सड़कें, पुल और महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे इस आपदा के कारण क्षतिग्रस्त हुए हैं। ऐसे में भारतीय सेना का यह कदम क्षेत्र के पुनर्वास प्रयासों को महत्वपूर्ण मजबूती प्रदान करेगा। भारतीय सेना ने पहले भी प्राकृतिक आपदाओं के समय में श्रीलंका की सहायता की है, और यह कार्रवाई दोनों देशों के बीच मित्रता, विश्वास और क्षेत्रीय सहयोग को और अधिक मजबूत बनाती है।