क्या भारत की सहायता से श्रीलंका को मिली राहत?
सारांश
Key Takeaways
- ऑपरेशन सागर बंधु के तहत भारत ने श्रीलंका को सहायता प्रदान की।
- श्रीलंका ने भारत का आभार व्यक्त किया।
- भारत ने लगभग 1000 टन सामग्री भेजी।
- नमल राजपक्षे ने संतोष झा से बातचीत की।
- भारतीय सेना ने राहत कार्य में सहयोग किया।
कोलंबो, ८ दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। दित्वाह तूफान के कारण श्रीलंका में विनाशकारी स्थिति बनी हुई है, जिससे जान-माल की हानि हुई है। इस संकट के बीच, भारत ने ऑपरेशन सागर बंधु के अंतर्गत मानवीय सहायता प्रदान की है। श्रीलंका ने इस सहायता के लिए भारत का आभार व्यक्त किया है।
श्रीलंका के सांसद नमल राजपक्षे ने भारत के उच्चायुक्त संतोष झा से मुलाकात की। इस बातचीत के दौरान, उन्होंने राहत और बचाव कार्यों के लिए भारत का धन्यवाद किया।
कोलंबो स्थित भारतीय उच्चायुक्त ने सोमवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “सांसद नमल राजपक्षे ने हाई कमिश्नर संतोष झा से मुलाकात की और ऑपरेशन सागर बंधु के तहत चल रहे राहत कार्यों के लिए भारत का धन्यवाद दिया। हाई कमिश्नर ने यह भी कहा कि भारत श्रीलंका के लोगों की पुनर्बहाली में हमेशा मदद करेगा।”
इस मीटिंग के बाद, राजपक्षे ने एक्स पर लिखा, “श्रीलंका में बाढ़ के दौरान भारत की त्वरित सहायता के लिए धन्यवाद देने के लिए भारतीय उच्चायुक्त संतोष झा से बात की। कठिन समय में भारत हमेशा हमारे साथ रहा है। मैं भारत सरकार और वहां के लोगों का आभारी हूं।”
इससे पहले रविवार को, भारत ने ऑपरेशन सागर बंधु के तहत दित्वाह से प्रभावित श्रीलंका को लगभग 1000 टन अतिरिक्त सहायता भेजी, जिसमें आवश्यक खाद्य सामग्री और कपड़े शामिल थे। इनमें से लगभग 300 टन सामग्री तीन भारतीय नौसेना जहाजों के माध्यम से कोलंबो पहुंची।
उच्चायुक्त संतोष झा ने राहत सामग्री श्रीलंका के व्यापार, वाणिज्य, खाद्य सुरक्षा और सहयोग विकास मंत्री वसंथा समरसिंघे को सौंपी। भारतीय सेना ने श्रीलंकाई सेना के साथ मिलकर कनेक्टिविटी को बहाल करने का कार्य प्रारंभ कर दिया है। भारतीय सेना के इंजीनियरों ने श्रीलंकाई सेना के साथ मिलकर किलिनोच्ची जिले में परांथन-कराच्ची-मुल्लैतिवु (ए35) रोड पर क्षतिग्रस्त पुल को हटाना शुरू किया है।