क्या भारत ने यूएन में ट्रंप के गाजा युद्धविराम के प्रयासों की सराहना की?
सारांश
Key Takeaways
- भारत ने ट्रंप की गाजा समझौते में भूमिका की सराहना की।
- शांति के लिए कूटनीतिक गति महत्वपूर्ण है।
- भारत ने फिलिस्तीन को १७ करोड़ डॉलर की सहायता भेजी।
- गाजा में घरों का पुनर्निर्माण आवश्यक है।
- सभी पक्षों को शांति प्रयासों का समर्थन करना चाहिए।
संयुक्त राष्ट्र, २४ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की गाजा समझौते में महत्वपूर्ण भूमिका की सराहना की है। भारत ने यूएन में कहा कि इसके माध्यम से क्षेत्र में शांति की दिशा में कदम बढ़ा है।
यूएन में भारत के स्थायी प्रतिनिधि पी. हरीश ने कहा, "इस ऐतिहासिक पहल ने शांति के लिए कूटनीतिक गति प्रदान की है और सभी पक्षों को अपने दायित्वों का पालन करना चाहिए।"
उन्होंने कहा, "भारत अमेरिका और विशेष रूप से राष्ट्रपति ट्रंप के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करता है।"
उन्होंने यह भी कहा कि भारत ने १३ अक्टूबर को मिस्र के शर्म अल-शेख में गाजा शांति शिखर सम्मेलन में भाग लिया और इस समझौते का स्वागत किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सम्मेलन में आमंत्रित किया गया था, लेकिन भारत का प्रतिनिधित्व विदेश राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने किया।
पी. हरीश ने मिस्र और कतर की भी सराहना की, जिन्होंने इजरायल और हमास के बीच वार्ता में मध्यस्थता की।
उन्होंने कहा, "भारत को विश्वास है कि इस सकारात्मक कूटनीतिक गति से क्षेत्र में स्थायी शांति स्थापित होगी।"
पी. हरीश ने कहा, "अब सभी पक्षों को शांति प्रयासों का समर्थन करना चाहिए। नई दिल्ली किसी भी एकतरफा कदम का विरोध करती है।"
उन्होंने फिलिस्तीनी लोगों के आत्मनिर्णय और स्वतंत्रता के अधिकार का समर्थन किया।
पी. हरीश ने कहा कि एक स्वतंत्र फिलिस्तीनी राज्य को आर्थिक रूप से व्यवहार्य होना चाहिए। इसके लिए "आर्थिक ढांचे और तंत्र" वाले कार्यक्रमों की आवश्यकता है।
गाजा में इजरायली हमलों में लगभग ८० प्रतिशत घर तबाह हो गए हैं। पी. हरीश ने कहा, "पुनर्वास के लिए अंतरराष्ट्रीय समर्थन की आवश्यकता है।"
भारत ने फिलिस्तीन को १७ करोड़ डॉलर से अधिक की सहायता भेजी है, जिसमें ४ करोड़ डॉलर की परियोजनाएं भी शामिल हैं।
पिछले दो वर्षों में, भारत ने १३५ मीट्रिक टन दवाइयां और अन्य सामग्री फिलिस्तीन को भेजी हैं।