क्या भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच पर ‘आप’ का हमला सही है? सौरभ भारद्वाज बोले- “पूरा विश्व हम पर हंस रहा है”

सारांश
Key Takeaways
- केंद्र सरकार की विदेश नीति की आलोचना
- सौरभ भारद्वाज का बयान
- पाकिस्तान के साथ क्रिकेट खेलने पर सवाल
- भारतीय नागरिकों का विरोध
- खेल और राजनीति का संबंध
नई दिल्ली, 15 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही में हुए क्रिकेट मैच को लेकर आम आदमी पार्टी ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला किया है। दिल्ली प्रदेश संयोजक सौरभ भारद्वाज ने कहा कि केंद्र सरकार की विदेश नीति पूरी तरह दोहरी और असफल साबित हुई है।
उन्होंने आरोप लगाया कि जिस पाकिस्तान को अलग-थलग करने के लिए केंद्र ने 52 सांसदों को 32 देशों में भेजा था, आज उसी के साथ क्रिकेट खेलकर भारत ने दुनिया के सामने अपनी ही नीति का मजाक बना दिया। भारद्वाज ने कहा कि केंद्र सरकार ने मैच कराकर पूरे विश्व को संदेश दिया है कि भारत और पाकिस्तान के बीच स्थिति सामान्य है। यही कारण है कि सोशल मीडिया से लेकर आम नागरिकों तक, हर कोई भाजपा सरकार के इस फैसले की आलोचना कर रहा है।
उन्होंने दावा किया कि भारी विरोध के चलते टिकट बिकने के बावजूद कई भारतीय स्टेडियम में मैच देखने नहीं गए। यह कदम अपने आप में सरकार को कड़ा संदेश है कि जनता देश के स्वाभिमान से समझौता बर्दाश्त नहीं करेगी। आप नेता ने तंज कसते हुए कहा कि भाजपा सूर्यकुमार यादव के पाकिस्तानी कप्तान से हाथ न मिलाने को बड़ी उपलब्धि बताकर ढोल पीट रही है। अगर हाथ न मिलाना ही देशभक्ति है तो सरकार को उन्हें भारत रत्न दे देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि असली देशभक्ति तभी होगी जब बीसीसीआई मैच से कमाए गए करोड़ों रुपये शहीदों के परिवारों को सौंपे। भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली के इतिहास में पहली बार भारत की पाकिस्तान पर जीत के बाद भी कहीं पटाखे नहीं फोड़े गए। लोगों ने भाजपा सरकार को संदेश दिया है कि अगर वह पाकिस्तान से रिश्ते सुधारने के नाम पर खेल-व्यापार करेगी तो देश साथ नहीं देगा।
उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि जब भारत विश्वगुरु होने का दावा करता है तो फिर एशिया कप से पाकिस्तान को बाहर क्यों नहीं करवाया गया? भारत के क्रिकेट से बाहर रहने पर एशिया कप और विश्व कप संभव ही नहीं होते, लेकिन सरकार में इतनी हिम्मत नहीं है। सौरभ भारद्वाज ने कहा कि भाजपा की विदेश नीति पर दुनिया हंस रही है। एक तरफ सांसदों को पाकिस्तान को आतंकवादी देश साबित करने भेजा जाता है और दूसरी ओर उसके साथ क्रिकेट खेला जाता है। यह पूरा घटनाक्रम भारत की छवि को नुकसान पहुंचाने वाला है और आने वाले समय में इतिहास भाजपा को इसके लिए माफ नहीं करेगा।