क्या भारत पर्व 2025 में मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने एकता का संदेश दिया?
सारांश
Key Takeaways
- भारत पर्व-2025 का उद्देश्य विविधता में एकता को बढ़ावा देना है।
- मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने प्रधानमंत्री मोदी के विकास मंत्रों पर जोर दिया।
- इस समारोह में विभिन्न राज्यों की संस्कृति और परंपराएं प्रदर्शित की जाएंगी।
- यह उत्सव 1 से 15 नवंबर तक चलेगा।
- सरदार पटेल की 150वीं जयंती को विशेष रूप से मनाया जा रहा है।
गांधीनगर, 1 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के अवसर पर गुजरात के एकता नगर में स्थित स्टैच्यू ऑफ यूनिटी परिसर में शनिवार को 'भारत पर्व- 2025' का भव्य प्रारंभ हुआ। यह समारोह पंद्रह दिनों तक चलेगा, जिसमें मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकास मंत्रों पर जोर दिया।
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने विधानसभा अध्यक्ष शंकरभाई चौधरी, आदिजाति विकास एवं खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति राज्य मंत्री पीसी. बरंडा सहित अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में दीप जलाकर इस आयोजन का उद्घाटन किया। यह उत्सव 1 से 15 नवंबर तक चलेगा, जिसमें देश की 'अनेकता में एकता' की भावना को प्रकट किया जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रों 'राज्य अनेक, राष्ट्र एक', 'समाज अनेक, भारत एक', 'भाषा अनेक, भाव एक' तथा 'रंग अनेक, तिरंगा एक' को ध्यान में रखते हुए यह पर्व लौह पुरुष सरदार पटेल के योगदान को सम्मानित करता है।
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने उद्घाटन समारोह के दौरान कहा कि यह भारत पर्व प्रधानमंत्री मोदी के इन मंत्रों को वास्तविकता में लाता है। सरदार पटेल ने 562 रजवाड़ों के विलय से एक अखंड भारत का निर्माण किया, जबकि पीएम मोदी विकास के मार्ग पर श्रेष्ठ भारत का निर्माण कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, "हम सौभाग्यशाली हैं कि स्वतंत्रता के दशकों बाद हमें ऐसा नेतृत्व मिला है, जिसने सरदार जयंती को परंपरागत कार्यक्रम से ऊपर उठाकर राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में स्थापित किया। स्टैच्यू ऑफ यूनिटी जैसी विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा से गुजरात वनवासी प्रदेश को विश्व पटल पर उजागर किया है।"
मुख्यमंत्री ने 'भारत पर्व- 2025' की विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इस आयोजन में देश के विभिन्न राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की संस्कृति की झलक मिलेगी। प्रतिदिन सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होगा, जिसमें विभिन्न राज्यों की अनूठी परंपराएं और कला प्रदर्शित की जाएंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एकता नगर प्रकृति, प्रगति एवं सांस्कृतिक विरासत का एक अद्वितीय उदाहरण है, जो 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' की झांकी प्रस्तुत करता है। प्रधानमंत्री के विजन से स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को विश्व स्तरीय पर्यटन केंद्र में परिवर्तित किया गया है।
मुख्यमंत्री ने अनेकता में एकता की भावना का जिक्र करते हुए कहा कि गुजरात का गरबा, महाराष्ट्र का गणपति, बिहार का छठ और बंगाल का दुर्गा पूजा सभी एक साथ मनाए जाते हैं। प्रधानमंत्री की प्रेरणा से माधवपुर मेला पूर्वोत्तर और पश्चिम भारत को जोड़ने का प्रतीक बना है।
मुख्यमंत्री ने आत्मनिर्भर भारत के संकल्प पर जोर देते हुए कहा कि सरदार पटेल के एकता के मार्ग पर चलकर स्वदेशी अपनाना आवश्यक है। सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के मंत्र से हम एक भारत-श्रेष्ठ भारत का निर्माण करेंगे। उद्घाटन के बाद उन्होंने परिसर के विभिन्न स्टॉल का अवलोकन किया।