क्या आईटी 2.0 के शुभारंभ ने 'डिजिटल इंडिया' की दिशा में भारतीय डाक की यात्रा को एक मील का पत्थर बना दिया?

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क्या आईटी 2.0 के शुभारंभ ने 'डिजिटल इंडिया' की दिशा में भारतीय डाक की यात्रा को एक मील का पत्थर बना दिया?

सारांश

भारतीय डाक ने आईटी 2.0 - एडवांस्ड पोस्टल टेक्नोलॉजी के शुभारंभ के साथ डिजिटल परिवर्तन की नई दिशा में कदम रखा है। यह पहल प्रधानमंत्री मोदी के दृष्टिकोण को साकार करती है और भारत के डाक सेवा क्षेत्र में एक नई क्रांति का संकेत देती है।

Key Takeaways

  • आईटी 2.0 का शुभारंभ भारतीय डाक की सेवाओं को डिजिटल रूप से बदल देगा।
  • यह प्लेटफॉर्म 1.65 लाख डाकघरों में लागू होगा।
  • ग्रामीण क्षेत्रों की कनेक्टिविटी में सुधार होगा।
  • 32 लाख से अधिक बुकिंग एक ही दिन में संभव हो चुकी हैं।
  • सरकार का मेघराज 2.0 क्लाउड इस सिस्टम का आधार है।

नई दिल्ली, 20 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। संचार मंत्रालय द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, भारतीय डाक ने आईटी 2.0 - एडवांस्ड पोस्टल टेक्नोलॉजी (एपीटी) के राष्ट्रीय स्तर पर शुभारंभ के साथ डिजिटल परिवर्तन के एक नए युग में कदम रखा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण और केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के मार्गदर्शन में यह पहल डिजिटल इंडिया की दिशा में भारतीय डाक की यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर मानी जा रही है।

यह एडवांस्ड पोस्टल टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म देश के 1.65 लाख डाकघरों में तेज, अधिक विश्वसनीय और नागरिकों के अनुकूल डाक एवं वित्तीय सेवाएं प्रदान करने के लिए निर्मित किया गया है।

डाक प्रौद्योगिकी उत्कृष्टता केंद्र द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित, यह सिस्टम सरकार के मेघराज 2.0 क्लाउड पर आधारित है और बीएसएनएल की व्यापक कनेक्टिविटी द्वारा समर्थित है।

केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने कहा कि यह परियोजना भारतीय डाक को एक विश्व स्तरीय सार्वजनिक लॉजिस्टिक्स संगठन में बदलने में सहायक होगी।

उन्होंने इसे आत्मनिर्भर भारत का एक उत्कृष्ट उदाहरण बताया।

यह बुकिंग से लेकर डिलीवरी तक के लिए एक समग्र डिजिटल समाधान प्रदान करता है, जिससे एक खुले नेटवर्क सिस्टम के माध्यम से बेहतर दक्षता और मजबूत ग्रामीण कनेक्टिविटी सुनिश्चित होती है।

इसकी शुरुआत चरणबद्ध तरीके से मई-जून 2025 में कर्नाटक डाक सर्कल में एक पायलट प्रोजेक्ट के साथ हुई।

प्रारंभिक अनुभवों के आधार पर प्लेटफॉर्म को बेहतर बनाने के बाद, परियोजना का विस्तार देश भर में किया गया और 4 अगस्त तक सभी 23 डाक सर्कलों को कवर किया गया।

आज, डाकघरों, मेल कार्यालयों और प्रशासनिक इकाइयों सहित 1.70 लाख से अधिक कार्यालय एपीटी सिस्टम पर कार्य कर रहे हैं।

इस बदलाव की तैयारी के लिए, भारतीय डाक ने 4.6 लाख से अधिक कर्मचारियों को कैस्केड ट्रेनिंग मॉडल के तहत प्रशिक्षित किया है, जिससे हर स्तर पर इसे आसानी से अपनाया जा सके।

इस सिस्टम ने एक ही दिन में 32 लाख से अधिक बुकिंग और 37 लाख डिलीवरी कर अपनी व्यापकता और विश्वसनीयता साबित की है।

आईटी 2.0 के पूरी तरह से चालू होने के साथ, भारतीय डाक ने एक आधुनिक, तकनीक-संचालित सेवा प्रदाता के रूप में अपनी स्थिति को और मजबूत किया है।

अधिकारियों का कहना है कि यह नया प्लेटफॉर्म ग्रामीण-शहरी डिजिटल खाई को पाटने, वित्तीय समावेशन को बढ़ाने और हर नागरिक को विश्व स्तरीय सेवाएं प्रदान करने में सहायता करेगा।

Point of View

यह कहना उचित है कि भारतीय डाक का आईटी 2.0 का शुभारंभ न केवल डिजिटल इंडिया की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि यह हमारे देश के विकास में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। यह पहल ग्रामीण क्षेत्रों में वित्तीय समावेश को बढ़ावा देने का कार्य करेगी और हर नागरिक को बेहतर सेवाएं पहुंचाने में मदद करेगी।
NationPress
23/08/2025

Frequently Asked Questions

आईटी 2.0 क्या है?
आईटी 2.0, भारतीय डाक द्वारा लॉन्च किया गया एक एडवांस्ड पोस्टल टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म है, जो डिजिटल परिवर्तन के लिए डिज़ाइन किया गया है।
इसका उद्देश्य क्या है?
इसका उद्देश्य डाक और वित्तीय सेवाओं को तेज, विश्वसनीय और नागरिकों के अनुकूल बनाना है।
कब से इसे लागू किया गया है?
इसकी शुरुआत चरणबद्ध तरीके से मई-जून 2025 में कर्नाटक डाक सर्कल में हुई थी।
इससे कितने डाकघरों को लाभ मिलेगा?
यह प्लेटफॉर्म लगभग 1.65 लाख डाकघरों में लागू किया जाएगा।
क्या यह ग्रामीण क्षेत्रों में सेवाओं को बेहतर करेगा?
हाँ, यह प्लेटफॉर्म ग्रामीण-शहरी डिजिटल खाई को पाटने में मदद करेगा।