क्या भारतीय नौसेना में दुश्मन का काल शक्तिशाली युद्धपोत ‘तमाल’ शामिल होगा?

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क्या भारतीय नौसेना में दुश्मन का काल शक्तिशाली युद्धपोत ‘तमाल’ शामिल होगा?

सारांश

भारतीय नौसेना को मिलने वाला शक्तिशाली युद्धपोत ‘तमाल’ 1 जुलाई को कमीशन होगा। यह युद्धपोत ब्रह्मोस मिसाइल और अत्याधुनिक हथियारों से लैस है, जिससे भारतीय नौसेना की समुद्री शक्ति में वृद्धि होगी। जानिए इसकी विशेषताएँ और महत्व।

Key Takeaways

  • युद्धपोत ‘तमाल’ भारतीय नौसेना की नई शक्ति है।
  • यह ब्रह्मोस मिसाइल और अन्य आधुनिक हथियारों से लैस है।
  • 1 जुलाई को कमीशन किया जाएगा।
  • यह भारत-रूस की रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करेगा।
  • 26 स्वदेशी उपकरण शामिल हैं।

नई दिल्ली, 30 जून (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय नौसेना को एक अत्याधुनिक और शक्तिशाली युद्धपोत ‘तमाल’ मिलने जा रहा है। यह युद्धपोत 1 जुलाई को नौसेना में कमीशन होगा। ‘तमाल’ ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल से लैस है।

युद्धपोत ‘तमाल’ में वर्टिकल लॉन्च सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें शामिल हैं। यह उन्नत 100 मिमी गन, अत्याधुनिक सिस्टम, हेवीवेट टॉरपीडो और त्वरित हमला करने वाले एंटी-सबमरीन रॉकेट से भी सुसज्जित है। इसके अलावा, यह नेटवर्क सेंट्रिक वॉरफेयर क्षमता और आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली से युक्त है। यह 30 नॉट्स से अधिक की गति और लंबी समुद्री दूरी तक संचालन कर सकता है।

भारतीय नौसेना का कहना है कि वह अपने नए युद्धपोत के लिए पूरी तरह से तैयार है। भारत को यह युद्धपोत रूस से मिलने वाला है। यह रूस के कालिनिनग्राद में कमीशन होगा। नवीनतम स्टेल्थ मल्टी-रोल फ्रिगेट ‘तमाल’ भारतीय नौसेना में शामिल होगा। ‘तमाल’ क्रिवाक क्लास फ्रिगेट्स की श्रृंखला का आठवां और तुशील क्लास का दूसरा युद्धपोत है।

इस युद्धपोत में 250 से अधिक नौसैनिक हैं, जिन्होंने सेंट पीटर्सबर्ग और कालिनिनग्राद की कठोर सर्दियों में व्यापक प्रशिक्षण प्राप्त किया है। ‘तमाल’ ने बीते तीन महीनों में कई गहन समुद्री परीक्षण सफलतापूर्वक पूरे किए हैं। महत्वपूर्ण बात यह है कि इस परियोजना के तहत भारत में भी गोवा शिपयार्ड लिमिटेड में रूसी तकनीक और डिजाइन सहयोग से त्रिपुट क्लास के दो फ्रिगेट्स का निर्माण किया जा रहा है।

इस पूरी श्रृंखला के पूरा होने के बाद भारतीय नौसेना के पास समान क्षमताओं वाले 10 युद्धपोत होंगे। इससे समुद्र में भारतीय नौसेना की शक्ति में जबरदस्त इजाफा होगा। युद्धपोत ‘तमाल’ का निर्माण रूस के यंतर शिपयार्ड, कालिनिनग्राद में किया गया है। यह विदेश से प्राप्त होने वाला अंतिम युद्धपोत होगा।

भारत सरकार की ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘मेक इन इंडिया’ पहल के अनुरूप, इस युद्धपोत में 26 स्वदेशी उपकरण लगाए गए हैं। इन उपकरणों में समुद्र और जमीन पर लक्ष्य भेदने में सक्षम ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल भी शामिल है।

‘तमाल’ नाम देवताओं के राजा इंद्र की युद्ध में इस्तेमाल होने वाली मायथिकल तलवार से प्रेरित है। यह भारतीय और रूसी युद्धपोत निर्माण की सर्वोत्तम तकनीकों का प्रतीक है। यह भारत-रूस की दीर्घकालिक रणनीतिक साझेदारी को और सुदृढ़ करेगा। कमीशन के बाद, यह जहाज भारतीय नौसेना के पश्चिमी बेड़े में शामिल होकर भारत की समुद्री सुरक्षा को और मजबूत बनाएगा।

Point of View

यह स्पष्ट है कि भारतीय नौसेना की नई शक्ति ‘तमाल’ हमारे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यह न केवल हमारे समुद्री सामर्थ्य को बढ़ाएगा, बल्कि भारत-रूस के बीच की रणनीतिक साझेदारी को भी मजबूत करेगा।
NationPress
04/08/2025

Frequently Asked Questions

युद्धपोत ‘तमाल’ की विशेषताएँ क्या हैं?
युद्धपोत ‘तमाल’ में ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल, वर्टिकल लॉन्च मिसाइलें, 100 मिमी गन, और आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली शामिल हैं।
कब और कहाँ युद्धपोत ‘तमाल’ को कमीशन किया जाएगा?
युद्धपोत ‘तमाल’ को 1 जुलाई को रूस के कालिनिनग्राद में कमीशन किया जाएगा।
इस युद्धपोत का निर्माण कहाँ हुआ है?
युद्धपोत ‘तमाल’ का निर्माण रूस के यंतर शिपयार्ड, कालिनिनग्राद में किया गया है।
क्या युद्धपोत में स्वदेशी उपकरण शामिल हैं?
हाँ, इस युद्धपोत में 26 स्वदेशी उपकरण लगाए गए हैं, जो आत्मनिर्भरता को दर्शाते हैं।
युद्धपोत ‘तमाल’ का नाम किससे प्रेरित है?
‘तमाल’ नाम देवताओं के राजा इंद्र की युद्ध में इस्तेमाल होने वाली मायथिकल तलवार से प्रेरित है।