क्या है 'भारत रणभूमि दर्शन'? सेना की पहल से छात्रों को मिली नई दिशा

सारांश
Key Takeaways
- ‘भारत रणभूमि दर्शन’ पहल का उद्देश्य छात्रों को सैन्य विरासत से जोड़ना है।
- यूएसआई ने इस पहल के तहत कक्षा 9 से 12 के लिए क्विज का आयोजन किया।
- प्रतियोगिता में 18 विद्यालयों ने भाग लिया था।
- यह आयोजन छात्रों में देशभक्ति और गर्व की भावना को बढ़ावा देता है।
- प्रतिभागियों को उनके प्रयासों के लिए प्रमाणपत्र प्रदान किए गए।
नई दिल्ली, 15 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय सेना ने छात्रों के लिए ‘भारत रणभूमि दर्शन’ नामक एक नई पहल शुरू की है। इस पहल की शुरुआत भारतीय सेना ने 76वें सेना दिवस के अवसर पर की थी। इसका मुख्य उद्देश्य भारत की समृद्ध सैन्य विरासत, ऐतिहासिक युद्ध स्थलों और रणभूमियों के प्रति जन-जागरूकता बढ़ाना, ‘बैटलफील्ड टूरिज्म’ को प्रोत्साहित करना और इन स्थलों को राष्ट्रीय पर्यटन के परिदृश्य में एकीकृत करना है।
दिल्ली में, भारतीय सेना ने बुधवार को ‘भारत रणभूमि दर्शन इंटर-स्कूल क्विज’ का आयोजन किया। यह कार्यक्रम यूनाइटेड सर्विस इंस्टीट्यूशन ऑफ इंडिया (यूएसआई) द्वारा संचालित किया गया। यूएसआई देश का सबसे पुराना सैन्य थिंक टैंक है, जिसकी स्थापना 1870 में हुई थी। इस पहल के संदेश को युवा वर्ग तक पहुँचाने के लिए, यूएसआई ने कक्षा 9 से 12 के विद्यार्थियों के लिए ‘भारत रणभूमि दर्शन इंटर-स्कूल क्विज’ का आयोजन किया।
इस प्रतियोगिता में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के 18 प्रमुख विद्यालयों ने भाग लिया, जो छात्रों की भारत की सैन्य परंपराओं, इतिहास और राष्ट्रीय गौरव के प्रति बढ़ती रुचि का प्रतीक है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि लेफ्टिनेंट जनरल अजय रामदेव, महानिदेशक (एकीकृत प्रशिक्षण) थे। उन्होंने विजेता टीमों को पुरस्कार प्रदान किए और छात्रों को संबोधित करते हुए उनके ज्ञान, उत्साह और देशभक्ति की सराहना की। क्विज का संचालन के.एस. नायर ने किया, जो एक प्रसिद्ध सैन्य इतिहासकार एवं लेखक हैं। उनके ज्ञानवर्धक प्रश्नों ने विद्यार्थियों को भारत के सैन्य इतिहास से जोड़ते हुए कार्यक्रम को जीवंत बना दिया।
प्रतियोगिता में आर्मी पब्लिक स्कूल, धौला कुआं की टीम विजेता रही, जबकि एयर फोर्स स्कूल, सुब्रोतो पार्क ने दूसरा स्थान प्राप्त किया और समर्स फील्ड स्कूल, कैलाश कॉलोनी ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। जीडी गोयनका स्कूल और इंद्रप्रस्थ इंटरनेशनल स्कूल के प्रदर्शन को भी विशेष प्रशंसा मिली।
सभी प्रतिभागियों को उनके प्रयासों के लिए प्रमाणपत्र दिए गए। यह आयोजन भारतीय सेना और यूएसआई के सतत प्रयास का प्रतीक है, जिसके तहत युवाओं में भारत की सैन्य विरासत, गौरवशाली परंपराओं और राष्ट्रीय इतिहास के प्रति जागरूकता, शोध भावना और गर्व की भावना विकसित की जा रही है।
सेना के अनुसार, यह कार्यक्रम ‘भारत रणभूमि दर्शन’ पहल के अंतर्गत युवाओं को प्रेरित करने और राष्ट्र की वीर गाथाओं से जोड़ने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।