क्या भारतीय सेना ने कायिंग गांव में आग से लोगों की जान बचाई?

Click to start listening
क्या भारतीय सेना ने कायिंग गांव में आग से लोगों की जान बचाई?

सारांश

इटानगर में सेना ने आग लगने की घटना में अद्वितीय साहस दिखाते हुए ग्रामीणों की जान बचाई। जानें कैसे स्पीयरहेड डिवीजन के जवानों ने इस संकट के समय में त्वरित कार्रवाई की और प्रभावित परिवारों की मदद की।

Key Takeaways

  • भारतीय सेना ने त्वरित कार्रवाई की।
  • ग्रामीणों की जान बचाई गई।
  • आग पर नियंत्रण पाने में एक घंटा लगा।
  • सेना ने प्रभावित परिवारों को मदद की।
  • स्थानीय प्रशासन ने सेना की सराहना की।

इटानगर, 9 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। अरुणाचल प्रदेश के ऊपरी सियांग जिले के कायिंग गांव में सोमवार रात एक भीषण आग ने हड़कंप मचा दिया।

गांव के कई घर आग में जलकर राख हो गए, लेकिन भारतीय सेना के जवान सबसे पहले घटनास्थल पर पहुंचे और जान-माल की हानि को रोकने में सफल रहे।

स्पीयरहेड डिवीजन के बहादुर सैनिकों ने त्वरित कार्रवाई करते हुए ग्रामीणों को सुरक्षित स्थान पर निकाला, आग पर काबू पाया और पूरे गांव को बड़ी तबाही से बचा लिया।

घटना की जानकारी मिलते ही स्पीयर कॉर्प्स के सैनिकों ने तुरंत कार्रवाई की। स्थानीय लोगों के अनुसार, आग शाम करीब सात बजे एक घर से शुरू हुई, जो तेज हवा के कारण पूरे गांव में फैलने लगी। गांव में दमकल वाहनों का पहुंचना मुश्किल था, क्योंकि रास्ते संकरे और इलाका पहाड़ी था। ऐसे में सेना के जवान सबसे पहले घटनास्थल पर पहुंचे।

उन्होंने ग्रामीणों को चिल्लाकर जगाया, बच्चों और बुजुर्गों को गोद में उठाकर सुरक्षित स्थान पर ले गए। कुछ जवानों ने आग बुझाने के लिए उपलब्ध पानी के स्रोतों का इस्तेमाल किया, जबकि अन्य ने पास के नाले से पानी का इस्तेमाल किया। लगभग एक घंटे की कड़ी मेहनत के बाद आग पर पूर्ण नियंत्रण हासिल कर लिया गया।

स्पीयर कॉर्प्स के एक अधिकारी ने कहा कि यह डिवीजन हमेशा अरुणाचल प्रदेश के लोगों के साथ खड़ी रहती है। वे न केवल सीमा सुरक्षा में तैनात हैं, बल्कि प्राकृतिक आपदाओं और आपात स्थितियों में भी तुरंत सहायता प्रदान करते हैं। इस घटना में कोई जानहानि नहीं हुई, लेकिन आठ से दस घर पूरी तरह नष्ट हो गए। प्रभावित परिवारों के लिए सेना ने तत्काल भोजन, कंबल और अस्थायी आश्रय की व्यवस्था की।

स्थानीय प्रशासन ने भी सेना की सराहना की और कहा कि उनकी मदद के बिना स्थिति और बिगड़ सकती थी।

यह डिवीजन पूर्वोत्तर क्षेत्र में सक्रिय है और अक्सर बाढ़, भूस्खलन जैसी आपदाओं में सहायता करता है। पिछले साल भी उन्होंने इसी तरह की कई घटनाओं में जान बचाई थी।

Point of View

बल्कि आपदा प्रबंधन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह उनके साहस और तत्परता का एक प्रमाण है जो उन्हें राष्ट्र के प्रति समर्पित बनाता है।
NationPress
09/09/2025

Frequently Asked Questions

कायिंग गांव में आग कैसे लगी?
स्थानीय लोगों के अनुसार, आग शाम करीब सात बजे एक घर से शुरू हुई जो तेज हवा के कारण फैल गई।
भारतीय सेना ने आग बुझाने के लिए क्या किया?
सेना के जवानों ने ग्रामीणों को सुरक्षित स्थान पर ले जाने के साथ-साथ आग बुझाने के लिए पानी के स्रोतों का इस्तेमाल किया।
क्या इस घटना में कोई जानमाल का नुकसान हुआ?
इस घटना में कोई जानहानि नहीं हुई, लेकिन आठ से दस घर पूरी तरह नष्ट हो गए।