क्या भरतपुर में नाबालिग से रेप में बेटे के बाद पिता को भी आजीवन कारावास की सजा मिली?
सारांश
Key Takeaways
- नाबालिगों के खिलाफ अपराधों में सख्त सजा का प्रावधान है।
- पिता और पुत्र दोनों को न्याय का सामना करना पड़ा।
- सामाजिक सुरक्षा के लिए बच्चों की सुरक्षा महत्वपूर्ण है।
भरतपुर, 18 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। राजस्थान के भरतपुर में पोक्सो कोर्ट संख्या-2 ने 10 वर्षीय नाबालिग के साथ दुष्कर्म के मामले में दोषी व्यक्ति मूलचंद को जीवनभर कारावास की सजा सुनाई है। इस मामले में चार साल पहले कोर्ट ने मूलचंद के बेटे साहब सिंह को भी इसी सजा से दंडित किया था, जो पहले से ही जेल में है।
पोक्सो कोर्ट के लोक अभियोजक महाराज सिंह सिनसिनवार ने जानकारी दी कि यह घटना 2016 में हुई थी। 21 नवंबर को, जयपुर की एक महिला ने हलैना थाना क्षेत्र के ताजपुर गांव के निवासी पिता मूलचंद और उसके बेटे साहब सिंह के खिलाफ अपनी 10 साल की बेटी के साथ दुष्कर्म का मामला दर्ज करवाया। पीड़िता की मां और मूलचंद की पत्नी के बीच जान-पहचान थी, जिसके चलते पीड़िता अपनी मां के साथ ताजपुर गांव आती-जाती थी।
महिला ने बताया कि 20 नवंबर 2016 की रात, पीड़िता अपनी मां के साथ ताजपुर गांव में रुकी थी। रात के समय जब नाबालिग की मां ने उसकी रोने की आवाज सुनी और कमरे में गई, तो देखा कि नाबालिग खून से लथपथ थी। इसके बाद पीड़िता ने अपनी मां को बताया कि साहब सिंह ने उसके साथ दुष्कर्म किया है। अगली सुबह जब महिला जयपुर जाने लगी, तो मूलचंद ने उसे रोक लिया। उसी समय, नाबालिग ने अपनी मां को बताया कि साहब सिंह का पिता मूलचंद भी उसके साथ कई बार दुष्कर्म कर चुका है।
इसके बाद, पीड़ित की मां ने इस मामले की जानकारी पुलिस को दी। पुलिस ने दबिश देकर मौके से पिता और बेटे को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में दोनों आरोपियों ने घटना में शामिल होने की बात स्वीकार की, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें कोर्ट में पेश किया।
30 अक्टूबर, 2021 को, कोर्ट ने साहब सिंह को दुष्कर्म का दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। उस समय कोर्ट ने पिता मूलचंद को क्लीन चिट दे दी थी, लेकिन पीड़ित पक्ष की अपील पर फिर सुनवाई शुरू हुई। मंगलवार को कोर्ट ने मूलचंद को भी आजीवन कारावास की सजा सुनाई।