क्या भीलवाड़ा के जिला कारागार में बहनों ने कैदी भाइयों को राखी बांधी?

सारांश
Key Takeaways
- जिला कारागार भीलवाड़ा में भावनात्मक रक्षाबंधन मनाया गया।
- बहनों ने अपने भाइयों को राखी बांधकर प्यार का इजहार किया।
- जेल प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए।
- भावुकता और परिवार का बंधन इस पर्व का मुख्य आकर्षण था।
- रक्षाबंधन पर भाई-बहन की मुलाकात एक विशेष अनुभव था।
भीलवाड़ा, 9 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। जिला कारागार भीलवाड़ा में रक्षाबंधन का पर्व भावनाओं और भाई-बहन के प्रेम से परिपूर्ण दिखाई दिया। शनिवार को जब बहनें जेल में अपने बंदी भाइयों की कलाई पर राखी बांधने आईं, तो वहाँ एक मेले जैसा माहौल बन गया।
जैसे ही बहनों ने सलाखों के पीछे खड़े अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधी, कई आँखें नम हो गईं। यह भावुक क्षण वहाँ उपस्थित सभी लोगों के दिलों को छू गया। जेल प्रशासन ने रक्षाबंधन के अवसर पर विशेष तैयारियाँ की थीं।
जेलर भैरोसिंह ने बताया कि सुरक्षा को लेकर कड़े इंतजाम किए गए। बहनों द्वारा लाए गए सभी सामान की अच्छी तरह से जांच की गई, ताकि कोई भी अवैध वस्तु जेल में प्रवेश न कर सके।
जेलर ने कहा, "जिला जेल भीलवाड़ा में रक्षाबंधन का त्योहार मनाया गया। सुबह से कैदियों की बहनें आने लगी थीं। सुबह 10 बजे से रक्षाबंधन का कार्यक्रम प्रारंभ किया गया।"
उन्होंने कहा, "कैदियों की मुलाकात उनकी बहनों से नियमानुसार निर्धारित स्थानों पर कराई गई। यह त्योहार विशेष तरीके से मनाया गया। कई बहनें भावुक होकर रोते हुए बाहर गईं और कई बंदी भी अपने आंसू नहीं रोक पाए। इस दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे, ताकि कोई अवैध सामान अंदर न आ सके।"
जेल में बंद भाइयों के लिए यह दिन भावनात्मक रूप से अत्यंत खास रहा, जब उन्हें अपनी बहनों से मिलने और उनके हाथों से राखी बंधवाने का अवसर मिला।
पूरे विधि विधान से भाइयों को टीका लगाकर पूजा की गई और उनका मुंह मीठा कराया गया। छोटी बहनों ने भाइयों की लंबी उम्र की कामना की। कुछ ने बातचीत में कहा कि हमने राखी बांधने के बाद अपने भाइयों से वचन लिया कि वो अपराध से दूर रहेंगे और भाइयों ने भी आशीर्वाद देते हुए अपराध से दूर रहने की बात कही।