क्या भाजपा सांसद भीम सिंह ने विपक्ष पर तीखा हमला बोला और अल्पसंख्यक के मानदंड बदलने की मांग की?
सारांश
Key Takeaways
- भीम सिंह ने विपक्ष पर तीखा हमला किया।
- अल्पसंख्यक के मानदंडों में बदलाव की आवश्यकता है।
- कांग्रेस का रवैया गैर-जिम्मेदाराना है।
- जम्मू-कश्मीर में हिंदू अल्पसंख्यक हैं।
- राजनीतिक समीकरणों पर विचार करने की जरूरत है।
नई दिल्ली, 1 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। संसद का शीतकालीन सत्र प्रारंभ होने से पहले सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस सत्र में विपक्ष को भी अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए। उन्होंने कहा कि हार ने कुछ दलों को परेशान कर दिया है। मैं उन्हें परफॉर्मेंस के लिए सुझाव देने के लिए तैयार हूं। प्रधानमंत्री के इस बयान पर भाजपा सांसद भीम सिंह ने अपनी प्रतिक्रिया दी है।
राज्यसभा के सदस्य भीम सिंह ने राष्ट्र प्रेस से खास बातचीत में कहा कि प्रधानमंत्री का दिल इतना बड़ा है कि वह अपने विरोधियों को भी मजबूत देखना चाहते हैं, लेकिन विपक्ष मानने को तैयार नहीं है। यही वजह है कि हर चुनाव में विपक्ष को हार का सामना करना पड़ता है।
उन्होंने कहा कि राहुल गांधी और कांग्रेस का रवैया गैर-जिम्मेदाराना है। जब वे एसआईआर का मुद्दा उठाते हैं, तो क्या यह कोई वास्तविक मुद्दा है? एसआईआर से आम जनता को कोई समस्या नहीं है। असली समस्या विपक्ष के नेताओं को है कि कैसे रोहिंग्या मुसलमानों और बांग्लादेशियों को वोट देने का अधिकार मिले।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा पूर्व उपराष्ट्रपति के विदाई का मुद्दा उठाने पर भाजपा सांसद ने कहा कि वे घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं। कांग्रेस पार्टी ही थी जिसने पूर्व उपराष्ट्रपति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया था। अब जब स्वास्थ्य कारणों से उन्होंने इस्तीफा दिया है, तो वे आंसू बहा रहे हैं।
कोलकाता में सामूहिक गीता पाठ पर भीम सिंह ने कहा कि गीता हमारा धर्मग्रंथ है। यह राष्ट्रीय अस्मिता का प्रतीक है। यदि पांच लाख लोग एक साथ गीता पाठ करते हैं, तो यह एक अच्छी बात है, लेकिन उसी पश्चिम बंगाल में टीएमसी के विधायक बाबरी मस्जिद बनाने की बात कर रहे हैं। इस तुष्टिकरण की राजनीति के कारण विपक्ष का यह हाल है। विपक्षी पार्टियां भारत की जड़ों को खोदती हैं, इसलिए उन्हें वोट नहीं मिलते।
एससी/एसटी एक्ट को लेकर रामभद्राचार्य के बयान पर भीम सिंह ने कहा कि वह धर्म क्षेत्र के गुरु हैं। समाज व्यवस्था सरकार देखती है और सुधार के लिए कानून बनाया गया है। उनकी राय हो सकती है, लेकिन यह एक्ट है और रहेगा। इसमें बदलाव की आवश्यकता नहीं है।
बिहार में कांग्रेस की हार पर कांग्रेस नेता तारिक अनवर के बयान पर भाजपा सांसद ने कहा कि कांग्रेस में मतभेद चल रहे हैं। कांग्रेस ने बिहार की हार की समीक्षा राष्ट्रीय स्तर पर दिल्ली में की। राहुल गांधी को इस्तीफा देना चाहिए। जनता उनके नेतृत्व को बार-बार नकार रही है।
असम में बहुविवाह के खिलाफ लाए गए कानून के संदर्भ में भीम सिंह ने कहा कि 80 प्रतिशत जनता पर यह कानून पहले से लागू है। बचे हुए लोगों के लिए यदि कानून लाया गया है, तो इसमें कुछ गलत नहीं है।
भाजपा सांसद भीम सिंह ने बताया कि उन्होंने अल्पसंख्यक के मानदंड को बदलने की मांग की है। वर्तमान में अल्पसंख्यक की पहचान राष्ट्रीय स्तर पर जनसंख्या के आधार पर की जाती है। इसके अनुसार मुसलमान अल्पसंख्यक माने गए हैं, लेकिन कई स्थानों पर मुसलमान बहुसंख्यक हो गए हैं।
उन्होंने कहा कि कितना दुखद है कि जम्मू-कश्मीर में हिंदू अल्पसंख्यक हैं, लेकिन इसका लाभ मुसलमान उठा रहे हैं। कई जिले ऐसे हैं जहाँ यही स्थिति है। अब समय है कि अल्पसंख्यक की परिभाषा का पुनर्मूल्यांकन होना चाहिए। अब इसे राज्य और जिला स्तर पर देखा जाना चाहिए।
उन्होंने मौलाना अरशद मदनी के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि मुंबई आतंकी हमला और पहलगाम हमले के बाद उन्होंने जिहाद क्यों नहीं किया? क्या उसे जुल्म नहीं माना जाएगा? ये लोग इसके खिलाफ नहीं बोलेंगे। मदनी मीठा लगाकर जहर खिलाने का काम कर रहे हैं।