क्या बिहार में पीएम मोदी का जादू सिर चढ़कर बोल रहा है? एनडीए की रैलियों का असर!
सारांश
Key Takeaways
- एनडीए की बढ़त के पीछे पीएम मोदी का प्रभाव है।
- महागठबंधन को वोटों में कमी का सामना करना पड़ा।
- प्रधानमंत्री की रैलियों ने उच्च मतदान प्रतिशत सुनिश्चित किया।
- भाजपा के कई नेता रुझानों में आगे हैं।
- चुनाव आयोग के अनुसार मतदान प्रक्रिया सफल रही।
नई दिल्ली, 14 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार में 243 विधानसभा सीटों पर आए रुझानों के अनुसार एनडीए बड़ी जीत की ओर अग्रसर है, वहीं महागठबंधन को एक बड़ा झटका लगता प्रतीत हो रहा है। शुक्रवार को दोपहर 2.40 बजे तक भाजपा 92 और जदयू 80 सीटों पर आगे चल रही है। यह ध्यान देने वाली बात है कि बिहार चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जादू स्पष्ट रूप से देखने को मिला है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार में जहां-जहां रैलियां की, वहां पर भाजपा और एनडीए गठबंधन को फायदा हुआ। उन्होंने राज्य में 14 रैलियां और एक रोड शो किया, जिसका प्रभाव अब रुझानों में स्पष्ट दिखाई दे रहा है और इससे यह स्पष्ट होता है कि भाजपा के साथ उनके गठबंधन सहयोगियों को इसका लाभ मिल रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने बिहार में जहां-जहां चुनावी रैलियों को संबोधित किया, वहां-वहां जनता ने जमकर मतदान किया और चुनाव आयोग के आंकड़े इस बात की पुष्टि कर रहे हैं।
उन्होंने अपनी चुनावी रैली की शुरुआत भारत रत्न ‘जननायक’ कर्पूरी ठाकुर के पैतृक गांव समस्तीपुर से की थी। समस्तीपुर में पहले चरण में 70 फीसदी से अधिक मतदान हुआ। यहां से एनडीए प्रत्याशी और जेडीयू नेता अश्वमेध देवी 12 हजार से अधिक वोटों से आगे चल रही हैं।
इसी दिन पीएम मोदी ने बेगूसराय में भी जनसभा को संबोधित किया और यहां 69.87 प्रतिशत वोटिंग हुई। इसके पश्चात 30 अक्टूबर को मुजफ्फरपुर और छपरा में जनसभाओं को संबोधित किया गया। मुजफ्फरपुर में 71.81 प्रतिशत और छपरा में 63.86 प्रतिशत वोटिंग हुई। चुनाव आयोग के अनुसार, रुझानों में मुजफ्फरपुर में भाजपा प्रत्याशी रंजन कुमार 18 हजार वोट से आगे चल रहे हैं।
पीएम मोदी ने अपनी चुनावी सभा में इंडी गठबंधन पर छठी मैया का अपमान करने का आरोप लगाया है, जिसका लाभ चुनाव परिणामों के रुझान में साफ नजर आ रहा है।
2 नवंबर को पीएम मोदी ने नवादा और आरा (भोजपुर) में दो जनसभाएं कीं। इस दिन पटना में उन्होंने रोड शो भी किया। नवादा में 57.86 प्रतिशत, आरा (भोजपुर) में 59.90 प्रतिशत और पटना में 59.02 प्रतिशत वोटिंग हुई। रुझानों में नवादा से एनडीए प्रत्याशी और जेडीयू नेता विभा देवी आगे चल रही हैं।
पटना की विधानसभा सीटों की बात करें तो मोकामा में जदयू के प्रत्याशी अनंत सिंह अब निर्णायक बढ़त की ओर बढ़ते दिख रहे हैं, बख्तियारपुर से लोजपा (रामविलास) के अरुण कुमार आगे हैं, जबकि दीघा से भाजपा के संजीव चौरसिया, बांकीपुर से बिहार के मंत्री नितिन नबीन, कुम्हरार से भाजपा के संजय कुमार आगे हैं। पटना साहिब से भाजपा प्रत्याशी रत्नेश कुमार आगे चल रहे हैं।
पहले चरण का चुनाव प्रचार समाप्त होने के बाद तीन नवंबर को प्रधानमंत्री ने कटिहार और सहरसा में रैली को संबोधित किया। कटिहार में 79.10 प्रतिशत और सहरसा में 69.38 प्रतिशत मतदान हुआ।
इसके बाद पीएम मोदी ने दूसरे चरण की सीटों के लिए भागलपुर और अररिया में चुनावी रैली को संबोधित किया। 11 नवंबर को मतदान हुआ जिसमें भागलपुर में 67.75 प्रतिशत और अररिया में 70.62 प्रतिशत लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। भागलपुर में भाजपा प्रत्याशी रोहित पांडे रुझानों में आगे चल रहे हैं। वहीं, अररिया से एनडीए प्रत्याशी और जेडीयू नेता शगुफ्ता अजीम आगे चल रही हैं।
7 नवंबर को प्रधानमंत्री मोदी ने भभुआ (कैमूर) और औरंगाबाद में जनसभाओं को संबोधित किया। भभुआ (कैमूर) में 68.57 प्रतिशत वोटिंग हुई, वहीं औरंगाबाद में 65.47 प्रतिशत मतदान हुआ।
8 नवंबर को पीएम मोदी ने बेतिया और सीतामढ़ी में चुनावी जनसभाओं को संबोधित किया। मतदान के दौरान बेतिया (पश्चिमी चंपारण) में 71.38 प्रतिशत और सीतामढ़ी में 67.21 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया।
चुनाव की वोटिंग और रुझानों से यह स्पष्ट हो जाता है कि बिहार विधानसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता का काफी असर पड़ा है।
बिहार चुनाव के लिए दो चरणों में 6 और 11 नवंबर को वोट डाले गए थे। चुनाव आयोग के अनुसार पहले चरण में 64 प्रतिशत से अधिक मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया, जबकि दूसरे चरण में 68 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ।