क्या बिहार कांग्रेस अध्यक्ष पर टिकट बंटवारे का आरोप सही है? प्रवक्ता आनंद माधव ने दिया इस्तीफा

सारांश
Key Takeaways
- कांग्रेस में टिकट बंटवारे को लेकर विवाद बढ़ा।
- आनंद माधव का इस्तीफा पार्टी के अंदरखाने के संकट को दर्शाता है।
- जमीनी कार्यकर्ताओं की उपेक्षा पर गंभीर सवाल उठे।
- धनबल के आधार पर निर्णय लेने की आलोचना।
- राहुल गांधी के प्रधानमंत्री बनने की आकांक्षा पर खतरा।
पटना, 18 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार में विपक्षी दलों के महागठबंधन में भले ही सीट बंटवारे की स्थिति अभी तक स्पष्ट न हुई हो, लेकिन अब महागठबंधन में शामिल प्रमुख सहयोगी दल कांग्रेस में टिकटों को लेकर प्रश्न उठने लगे हैं। कांग्रेस के प्रवक्ता आनंद माधव ने तो राष्ट्रीय अध्यक्ष को अपना इस्तीफा भेज दिया है।
आनंद माधव समेत कई अन्य नेताओं ने टिकट वितरण को लेकर प्रदेश के कई वरिष्ठ नेताओं पर पार्टी के प्रदेश नेतृत्व पर पक्षपात और मनमानी के आरोप लगाए हैं। पटना में कांग्रेस के 'रिसर्च सेल' के अध्यक्ष आनंद माधव, पूर्व प्रत्याशी गजानंद शाही सहित कई नेताओं ने संवाददाता सम्मेलन में प्रदेश प्रभारी कृष्णा अल्लावरु और कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष राजेश राम पर गंभीर आरोप लगाए।
इन नेताओं का कहना है कि टिकट वितरण प्रक्रिया में वर्षों से पार्टी के लिए संघर्ष कर रहे जमीनी कार्यकर्ताओं की उपेक्षा कर ऐसे चेहरों को प्राथमिकता दी गई है। उनपर आरोप लगाया गया कि टिकट वितरण केवल धनबल के आधार पर हो रहा है। हालांकि, राष्ट्रीय नेतृत्व पर किसी भी प्रकार के आरोप नहीं लगाए गए हैं।
आनंद माधव ने बताया कि पार्टी के समर्पित नेताओं को टिकट नहीं दिया गया और उन लोगों पर भरोसा जताया गया है जो हाल ही में पार्टी में शामिल हुए हैं। प्रदेश प्रवक्ता आनंद माधव ने राष्ट्रीय अध्यक्ष को लिखे पत्र में कहा, "मुझे डर है कि पार्टी का टिकट वितरण का तरीका प्रतिकूल परिणाम देगा, और हमें चुनावों में दहाई के आंकड़े तक पहुंचने में संघर्ष करना पड़ सकता है।"
उन्होंने लिखा है कि एक राजनीतिक दल की सफलता उसके सिद्धांतों और अनुशासन पर निर्भर करती है, न कि कुछ चुनिंदा लोगों की इच्छाओं और मनमानी पर। दुर्भाग्य से, कुछ व्यक्तियों के अहंकार ने पार्टी के मूल मूल्यों पर प्राथमिकता ले ली है। उन्होंने यह भी कहा है कि कांग्रेस के कई कार्यकर्ता राहुल गांधी को भारत के प्रधानमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं। हालांकि, उनके सहयोगियों का सामान्य कार्यकर्ताओं के प्रति रवैया इस सपने को स्थगित कर सकता है।