क्या अफ्रीकी देश गिनी में दौड़ेगा बिहार में बना रेल इंजन?

सारांश
Key Takeaways
- बिहार के मढ़ौरा कारखाने में बना रेल इंजन अब गिनी में दौड़ेगा।
- पीएम मोदी ने इसे हरी झंडी दिखाई।
- मढ़ौरा से 143 रेल इंजन का करार हुआ है।
- एनडीए सरकार बिहार के विकास के लिए प्रयासरत है।
- आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर में अभूतपूर्व निवेश हो रहा है।
छपरा, 20 जून (राष्ट्र प्रेस)। बिहार के कारखाने में निर्मित रेल इंजन अब अफ्रीकी देश गिनी में तेजी से दौड़ेगा। यह रेल इंजन बिहार के सारण जिले के मढ़ौरा कारखाने में तैयार किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को इस रेल इंजन को गिनी गणराज्य के लिए निर्यात की पहली खेप के तौर पर हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। उन्होंने सीवान के जसौली से वर्चुअल माध्यम से इसे हरी झंडी दिखाई। इस दिन पीएम मोदी ने वैशाली–देवरिया रेल लाइन का उद्घाटन भी किया, जिसकी लागत 400 करोड़ से अधिक है। इसके अतिरिक्त, उन्होंने पटना–गोरखपुर वंदे भारत एक्सप्रेस को भी हरी झंडी दिखाई, जो धार्मिक और सामाजिक यात्रा के लिए महत्वपूर्ण है।
मढ़ौरा के रेल इंजन कारखाने ने अब तक 700 से अधिक इंजन भारतीय रेलवे को प्रदान किए हैं। इस कारखाने से अफ्रीकी देशों के लिए 143 रेल इंजन का करार हुआ है, जिसकी पहली खेप शुक्रवार को गिनी के लिए रवाना की गई। इस रेल इंजन को दुल्हन की तरह सजाया गया।
पीएम मोदी ने अपने भाषण में कहा कि बिहार का प्रतिभाशाली युवा आज ज़मीन पर हो रहे कामों को देख रहा है और उन्हें परख रहा है। एनडीए सरकार किस तरह का बिहार बना रही है, इसका उदाहरण मढ़ौरा रेल फैक्ट्री है। मढ़ौरा से पहला इंजन अफ्रीका को निर्यात किया जा रहा है। अफ्रीका में भी बिहार की जय-जयकार होने वाली है। यह फैक्ट्री उसी सारण जिले में स्थित है, जिसे पंजे और आरजेडी वालों ने पिछड़ा कहकर छोड़ दिया था।
प्रधानमंत्री ने कहा, "यह जिला दुनिया के मैन्युफैक्चरिंग और एक्सपोर्ट मानचित्र पर अपनी जगह बना चुका है। जंगलराज वालों ने बिहार का विकास ठप कर दिया था। अब बिहार में बना यह इंजन अफ्रीका की रेल को चलाएगा। यह गर्व का विषय है। मुझे पूरा विश्वास है कि बिहार, मेड इन इंडिया का एक बड़ा केंद्र बनेगा। यहाँ का मखाना और फल-सब्जियाँ तो बाहर जाएंगी ही, बिहार के कारखानों में बने सामान भी दुनिया के बाजारों तक पहुँचेंगे। बिहार के युवाओं द्वारा निर्मित सामान आत्मनिर्भर भारत को मजबूती देगा।"
पीएम मोदी ने आगे कहा, "इसमें बिहार में बन रहा आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर बहुत काम आएगा। बिहार में सड़क, रेल, हवाई यात्रा और जलमार्ग, हर तरह के इंफ्रास्ट्रक्चर में अभूतपूर्व निवेश हो रहा है। बिहार को लगातार नई ट्रेनें मिल रही हैं। यहाँ वंदे भारत जैसी आधुनिक ट्रेनें चल रही हैं।"
उन्होंने कहा, "हम एक और बड़ी शुरुआत करने जा रहे हैं। सावन से पहले, बाबा हरिहरनाथ की धरती वंदे भारत ट्रेन से बाबा गोरखनाथ की धरती से जुड़ गई है। पटना से गोरखपुर की नई वंदे भारत ट्रेन पूर्वांचल के शिव भक्तों को मिली नई सवारी है। यह ट्रेन भगवान बुद्ध की तपोभूमि को उनकी महापरिनिर्वाण भूमि कुशीनगर से जोड़ने का माध्यम है।"