क्या बिहार की जनता रोहिणी आचार्य का अपमान बर्दाश्त करेगी? : सुभाष यादव
सारांश
Key Takeaways
- बिहार की जनता अन्याय सहन नहीं करेगी।
- रोहिणी आचार्य ने किडनी दान कर एक मिसाल कायम की।
- परिवार में गलतफहमियां आम हैं।
- राजद को अपनी स्थिति को समझना होगा।
- सार्वजनिक रूप से पारिवारिक मुद्दे उठाना जटिल हो सकता है।
पटना, १६ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के भाई सुभाष यादव ने रोहिणी आचार्य द्वारा परिवार पर लगाए गए गंभीर आरोपों पर कहा कि यदि उनके साथ अन्याय हुआ है तो यह बिहार की जनता इसे कभी भी सहन नहीं करेगी।
सुभाष यादव ने कहा कि रोहिणी ने अपनी किडनी देकर एक प्रेरक उदाहरण प्रस्तुत किया है। पिता-पुत्री के बीच गहरे संबंध को सभी ने देखा है। देश और बिहार की जनता को उन पर गर्व है, लेकिन यदि कोई उन्हें गलत कहता है, चाहे वह परिवार का हो या कोई और, तो यह सही नहीं है। बिहार की जनता इसे कभी नहीं सहन करेगी।
उन्होंने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि आज जो कुछ भी हो रहा है, वह केवल राजद की हार के चलते है। एक महीने पहले ही वे मुख्यमंत्री बनने जा रहे थे। आज राजद एक सक्षम पार्टी भी नहीं रह गई है। उन्हें यह समझ नहीं आया कि बिहार क्या चाहता है। रोहिणी ने अपने पिता को अपनी किडनी दी है, उनके साथ ऐसा नहीं होना चाहिए था।
सुभाष यादव ने एक बयान का जिक्र करते हुए कहा कि मैंने ११ महीने पहले ही कहा था कि राजद को विधानसभा चुनाव में बुरी हार का सामना करना पड़ेगा। यह महागठबंधन नहीं समझ पाया कि बिहार की जनता के दिल में क्या है।
उन्होंने कहा कि मैंने इस मामले पर कोई चर्चा नहीं की है, न ही मेरे पास कोई विस्तृत जानकारी है। मेरा मानना है कि कोई गंभीर बात नहीं हुई होगी, जब परिवार साथ रहता है तो छोटी-मोटी गलतफहमियां हो सकती हैं। वे भाई-बहन हैं और कल सब ठीक हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि यह एक छोटा-सा निजी मामला था, ऐसा किसी भी घर में हो सकता है। ऐसा नहीं है कि उनके बीच कोई गंभीर विवाद था। संभव है कि प्रेस ने इसे बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया हो।
संजय यादव को लेकर उन्होंने कहा कि मुझे बस इतना पता है कि वे तेजस्वी यादव को राजनीति में सहायता करते हैं।