क्या आम आदमी पार्टी बिहार में 'काम की राजनीति' को बढ़ावा देना चाहती है?: अनुराग ढांडा

सारांश
Key Takeaways
- आप ने सभी 243 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया है।
- बिहार की जनता काम की राजनीति की उम्मीद कर रही है।
- भाजपा और कांग्रेस के बीच के संबंधों पर प्रश्न उठाए गए हैं।
- मतदाता सूची में छेड़छाड़ का आरोप भाजपा पर लगाया गया है।
- बिहार में बदलाव की मांग बढ़ रही है।
चंडीगढ़, 3 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। बिहार में इस वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) का प्रवेश राजनीतिक परिदृश्य को और दिलचस्प बना रहा है। आप ने सभी 243 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है, जिससे एनडीए और इंडिया गठबंधन के बीच की सीधी जंग में नया मोड़ आ सकता है।
आप के वरिष्ठ नेता अनुराग ढांडा ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस के साथ बातचीत में कहा कि पार्टी बिहार में "काम की राजनीति" को बढ़ावा देना चाहती है, जैसा कि उसने दिल्ली और पंजाब में किया। बिहार के लोग बदलाव की चाह रखते हैं और शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, और पानी जैसे बुनियादी मुद्दों पर आधारित उनके मॉडल को एक विकल्प के रूप में देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी किसी भी अन्य पार्टी के साथ गठबंधन नहीं करेगी। पार्टी सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी और चुनाव में मजबूती से उतरेगी।
उन्होंने यह भी कहा कि आम आदमी पार्टी बिहार की सभी विधानसभा सीटों पर अपने बलबूते चुनाव लड़ेगी। भाजपा और कांग्रेस के बीच "गुप्त प्रेम संबंध" चल रहा है। वे चुपचाप एक-दूसरे के साथ गठबंधन कर रहे हैं और पर्दे के पीछे एक ही हैं। कांग्रेस भाजपा को चुनाव जिताने में मदद करती है। वहीं, भाजपा भी कांग्रेस के उन नेताओं को जेल से बचाने का काम करती है जिनके खिलाफ कई मामले चल रहे हैं। जनता इन दोनों पार्टियों की नीतियों से अवगत है। इसलिए, हाल ही में गुजरात और पंजाब में हुए विधानसभा उपचुनावों में जनता ने भाजपा और कांग्रेस को नकार दिया।
बिहार विधानसभा चुनाव में मतदाता सूची पुनरीक्षण पर आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता ने कहा कि भाजपा का काम करने का तरीका यह बन गया है कि जिस राज्य में चुनाव होने होते हैं, वहां मतदाता सूची में छेड़छाड़ की जाती है। दिल्ली चुनाव में आपने देखा होगा, अरविंद केजरीवाल की विधानसभा क्षेत्र में डेढ़ लाख में से 50 हजार वोट काट दिए गए थे। दिल्ली विधानसभा चुनाव में इसके परिणाम सभी ने देखे हैं।