क्या बिहार की जनता ने पीएम मोदी की योजना और नीतीश कुमार के सुशासन पर वोट दिया?
सारांश
Key Takeaways
- एनडीए ने बिहार में बढ़त बनाई है।
- भाजपा और जदयू की स्थिति मजबूत है।
- बिहार के मतदाताओं ने बदलाव की ओर कदम बढ़ाया है।
- चुनाव में नीतीश कुमार और पीएम मोदी की योजनाओं का असर दिख रहा है।
- बिहार की जंगलराज से मुक्ति की बात की जा रही है।
नई दिल्ली, 14 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार की 243 विधानसभा सीटों के लिए मतगणना चल रही है। प्रारंभिक रुझानों के अनुसार, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने बढ़त बनाई हुई है। इस बीच, राजनेताओं की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। भाजपा नेता एक बार फिर सरकार की वापसी की संभावना को व्यक्त कर रहे हैं।
उत्तर प्रदेश के भाजपा विधायक नंद किशोर गुर्जर ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत करते हुए कहा, "बिहार की जनता सबसे ज्यादा जागरूक है। मैं बिहार में एक महीने से हूं। वहां का मतदाता देश के लिए वोट करता है। चंपारण से गांधी जी की अंग्रेजों के खिलाफ क्रांति हो या फिर जेपी का आंदोलन, देश में बदलाव की शुरुआत बिहार से हुई है। यह चाणक्य की भूमि है।"
उन्होंने कहा, "बिहार के मतदाताओं ने पीएम मोदी की योजनाओं और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सुशासन को देखते हुए वोट किया है। वहां पर पहले बिजली नहीं आती थी, सड़कें नहीं थीं, अपहरण का उद्योग चलता था। डकैती, हत्याएं, बलात्कार सामान्य बात थी। बेटियां शाम छह बजे के बाद घर से बाहर नहीं निकल पाती थीं। जनता ने बिहार के जंगलराज से मुक्ति पाई है।"
उन्होंने कहा, "पीएम मोदी ने समाज के हर वर्ग के लिए जो योजनाएं लागू की हैं, उनके प्रति जनता में उत्साह है। हमने जो अनुभव किया, उससे पता चला कि बिहार में पीएम मोदी का जलवा है। वहां पर रिकॉर्ड बनने जा रहा है। विपक्षी नेताओं की जमानते जब्त होंगी।"
बिहार की कुल 243 विधानसभा सीटों के लिए दो चरणों में मतदान संपन्न हुआ था, 6 नवंबर (121 सीट) और 11 नवंबर (122 सीट)। शुक्रवार को सभी सीटों के परिणाम आ रहे हैं। चुनाव आयोग के सुबह 10 बजे तक के रुझानों के अनुसार, बिहार में जदयू सर्वाधिक 55 सीटों पर आगे चल रही है। इसके अलावा भाजपा 49, मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) 28, लोकजनशक्ति पार्टी (रामविलास) 14, कांग्रेस 9 और हम तीन सीटों पर आगे चल रही है।