क्या यह बांग्लादेश का चुनाव आयोग है? एसआईआर की प्रक्रिया पर विपक्ष का गुस्सा

Click to start listening
क्या यह बांग्लादेश का चुनाव आयोग है? एसआईआर की प्रक्रिया पर विपक्ष का गुस्सा

सारांश

बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के मुद्दे पर पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस छिड़ गई है। विपक्ष ने इसे मतदाताओं के अधिकारों का हनन बताया। जानिए इस मुद्दे पर नेताओं की क्या राय है।

Key Takeaways

  • एसआईआर प्रक्रिया पर विपक्ष का आक्रामक रुख
  • लगभग 60 लाख मतदाताओं के नाम हटाए गए
  • बिहार में मतदाता अधिकारों की सुरक्षा महत्वपूर्ण

नई दिल्ली, 1 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के मुद्दे पर विपक्ष संसद में चर्चा की मांग को लेकर अड़ा हुआ है। एसआईआर प्रक्रिया को मतदाताओं के अधिकारों का हनन बताकर विपक्ष ने आक्रामक रुख अपनाया है। इसी क्रम में शुक्रवार को संसद के बाहर विपक्षी दलों ने प्रदर्शन भी किया।

समाजवादी पार्टी की सांसद डिंपल यादव ने कहा कि सरकार और चुनाव आयोग से सवाल उठते हैं कि आखिर चुनाव इतने नजदीक आने पर एसआईआर प्रक्रिया क्यों शुरू की गई। लगभग 60 लाख मतदाताओं के नाम हटा दिए गए हैं, जो यह दर्शाता है कि सरकार स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव नहीं चाहती।

राजद सांसद मनोज झा ने कहा कि देश और खासकर बिहार के लिए इस समय सबसे गंभीर मुद्दा एसआईआर है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद चुनाव आयोग इस प्रक्रिया में आधार कार्ड को शामिल नहीं कर रहा है, जिससे बहुत से लोगों के नाम हटाए गए हैं, जो लोकतंत्र के लिए खतरा है।

मनोज झा ने भारत के चुनाव आयोग की तुलना बांग्लादेश के चुनाव आयोग से करते हुए कहा, "पता नहीं चुनाव आयोग को कौन सी स्क्रिप्ट थमा दी गई है। ऐसा लगता है जैसे ये बांग्लादेश का चुनाव आयोग हो। स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव की गुंजाइश खत्म हो गई है।"

कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने आरोप लगाया कि बिहार में मतदाताओं को उनके अधिकारों से वंचित रखने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा, "लोकतंत्र में मताधिकार अमूल्य रत्न है। आजादी के बाद संविधान ने लोगों को ये अधिकार दिया है, लेकिन एसआईआर के जरिए यह अधिकार छीनने की कोशिश की जा रही है। हम चाहते हैं कि संसद में एसआईआर पर विशेष चर्चा हो, ताकि लोगों को उनके हक से वंचित ना किया जा सके।"

जेएमएम की राज्यसभा सांसद महुआ माजी ने भी इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, "जैसा कि आप जानते हैं, देश में सबसे ज्यादा लोग मजदूरी के लिए बिहार से पलायन करते हैं। आप किसी भी राज्य में जाएं, आपको बिहार के लोग जरूर मिलेंगे, जिनमें से ज्यादातर आर्थिक रूप से कमजोर हैं और तरह-तरह के शारीरिक श्रम और सेवाओं में लगे हैं। कई बार उनके दस्तावेज घर पर ही छूट जाते हैं या भूल जाते हैं, और उन्हें छुट्टी भी नहीं मिलती, इसलिए वे अपनी पहचान साबित करने के लिए वापस नहीं आ पाते। और इसी बीच, आप कह देते हैं कि ये फर्जी वोटर आईडी हैं। लोगों को खुद को साबित करने का मौका मिलना चाहिए, वरना उनके साथ अन्याय होगा।

Point of View

यह आवश्यक है कि हम लोकतंत्र की मजबूती के लिए सभी पक्षों की आवाज सुनें। मतदाता के अधिकारों का हनन किसी भी लोकतंत्र के लिए गंभीर चिंता का विषय है। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सभी मतदाता अपने अधिकारों का प्रयोग कर सकें।
NationPress
02/08/2025

Frequently Asked Questions

एसआईआर क्या है?
एसआईआर का अर्थ है विशेष गहन पुनरीक्षण, जो मतदाता सूची के अद्यतन के लिए किया जाता है।
इस मुद्दे पर विपक्ष का क्या कहना है?
विपक्ष का कहना है कि एसआईआर प्रक्रिया मतदाताओं के अधिकारों का हनन कर रही है।
क्या बिहार में चुनाव प्रभावित होंगे?
यदि स्थिति जस की तस रहती है, तो चुनावों पर प्रभाव पड़ सकता है।