क्या बिहार में 'सुशासन' बनाम 'जंगलराज' का चुनाव है: अमित शाह?
सारांश
Key Takeaways
- अमित शाह ने बिहार के भविष्य को लेकर चिंता जताई।
- यह चुनाव सुशासन बनाम जंगलराज का है।
- एनडीए ने विकास के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
- महागठबंधन में आपसी संघर्ष चल रहा है।
- मतदाता सूची से घुसपैठियों को हटाने की मांग।
गोपालगंज, १ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह शनिवार को बिहार के विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में चुनावी सभाओं को संबोधित करने वाले थे, लेकिन खराब मौसम के कारण वे किसी भी स्थान पर नहीं पहुँच सके। इस दौरान, अमित शाह ने गोपालगंज और समस्तीपुर में चुनावी सभाओं को वर्चुअली संबोधित किया।
अमित शाह ने चुनावी रैली में उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा कि यह चुनाव किसी एक प्रत्याशी की जीत-हार का नहीं है, बल्कि यह तय करने का अवसर है कि बिहार किसके हाथों में रहेगा। क्या यह बिहार १५ वर्षों तक जंगलराज फैलाने वाले हाथों में रहेगा, या २० वर्षों तक सुशासन देने वाले एनडीए के हाथों में?
उन्होंने कहा कि यह चुनाव बिहार के भविष्य का चुनाव है। यह सुशासन बनाम जंगलराज का चुनाव है। उन्होंने विश्वास जताया कि गोपालगंज के लोगों ने २००२ के बाद कभी भी यहाँ राजद को नहीं जीतने दिया है। मुझे पूरा विश्वास है कि इस बार भी यह रिकॉर्ड टूटने नहीं देंगे।
अमित शाह ने कहा कि सीएम नीतीश कुमार और पीएम नरेंद्र मोदी ने बिहार के विकास के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी है। एनडीए के सभी दल पांडव की तरह एकजुट होकर इस चुनाव में उतरे हैं, जबकि महागठबंधन में इतनी आपसी लड़ाई है कि वे चुनाव लड़ने के बजाय एक-दूसरे के खिलाफ संघर्ष कर रहे हैं।
उन्होंने एनडीए सरकार द्वारा किए गए कार्यों की चर्चा करते हुए कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी ने मिथिला के सम्मान के लिए अनेक कार्य किए हैं। भाजपा सरकार ने मैथिली भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल किया, मैथिली में संविधान का अनुवाद कराया और मधुबनी पेंटिंग को जीआई टैग दिया। इसके साथ ही, शाश्वत मिथिला महोत्सव का आयोजन गुजरात में किया गया।
उन्होंने लोक गायिका शारदा सिन्हा को याद करते हुए कहा कि स्वर्गीय शारदा सिन्हा को पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया और मखाना बोर्ड की स्थापना भी मोदी सरकार ने की है। केंद्रीय गृह मंत्री ने घुसपैठियों का जिक्र करते हुए कहा कि कुछ दिन पहले राहुल गांधी बिहार आए थे, उन्होंने एक यात्रा निकाली थी, जो घुसपैठियों के बचाव के लिए थी।
उन्होंने लोगों से सवाल किया कि क्या बिहार की मतदाता सूची में घुसपैठिए होने चाहिए? उन्होंने जोर देते हुए कहा कि भाजपा और एनडीए का स्पष्ट दृष्टिकोण है कि बिहार की मतदाता सूची से घुसपैठियों को बाहर निकालना चाहिए।