क्या बिहार विकास के मामले में 20 सालों में पिछड़ गया है? सपा नेता रविदास मेहरोत्रा का बयान
सारांश
Key Takeaways
- बिहार में एनडीए सरकार के 20 वर्षों का शासन रहा है।
- अराजकता और अपराध बढ़ने के कारण विकास में कमी आई है।
- महागठबंधन पिछले नुकसान को सुधारने का प्रयास करेगा।
- भाजपा की कथनी और करनी में अंतर है।
- लोकतंत्र में सभी को मतदान के अधिकार का सम्मान करना चाहिए।
लखनऊ, 4 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनाव के बीच समाजवादी पार्टी के विधायक रविदास मेहरोत्रा ने एनडीए गठबंधन पर तीखा हमला किया है।
सपा नेता ने कहा कि पिछले 20 वर्षों से बिहार में एनडीए की सरकार है और इस दौरान यहां अराजकता का माहौल बना रहा है। इन 20 वर्षों में बिहार विकास के मामले में काफी पीछे रह गया है।
उन्होंने आगे कहा कि जो नुकसान पिछले 20 वर्षों में हुआ है, उसे महागठबंधन की सरकार 20 महीनों में सुधारने का प्रयास करेगी। अपराध बढ़े हैं, लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है, और किसानों तथा महिलाओं का शोषण हुआ है; ये सब ठीक किया जाएगा।
समाजवादी पार्टी के विधायक ने यह भी कहा कि बिहार और उत्तर प्रदेश में जंगलराज, माफिया राज और गुंडागर्दी का बोलबाला है। हमने बार-बार मांग की है कि दोनों राज्यों के शीर्ष 20 अपराधियों की सूची सार्वजनिक की जाए।
उन्होंने कहा कि शहाबुद्दीन को अपराधी कहा जाता है, लेकिन उन पर कभी कोई आरोप साबित नहीं हुआ।
सपा नेता ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा नेता कोई वास्तविक कार्य नहीं करते। वे केवल नाम बदलकर जनता को गुमराह करते हैं। एनडीए सरकार ने बिहार में 20 वर्षों तक शासन किया, फिर उन्होंने वह कार्य क्यों नहीं किया जिसका वे अब वादा कर रहे हैं? भाजपा की कथनी और करनी में बड़ा अंतर है। नाम बदलने और विकास के नाम पर हजारों करोड़ रुपए लूटे गए हैं।
इससे पहले सपा नेता ने कहा कि लोकतंत्र में सबको यह अधिकार है कि वे दूसरों से वोटों का बंटवारा न करने की अपील करे। यदि कोई किसी जाति या धर्म विशेष की रक्षा या सम्मान और उनके अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए एकजुट होने की बात करता है, तो इसमें कुछ भी अनुचित नहीं है।