क्या बिहार में डोमिसाइल नीति लागू होने से शिक्षक बहाली में राज्य के निवासियों को लाभ मिलेगा?

सारांश
Key Takeaways
- डोमिसाइल नीति के तहत बिहार के निवासियों को प्राथमिकता दी जाएगी।
- शिक्षकों की बहाली के लिए टीआरई-4 और टीआरई-5 का आयोजन होगा।
- मध्याह्न भोजन योजना में रसोइयों का मानदेय दोगुना किया गया है।
- मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शिक्षा व्यवस्था सुधारने पर जोर दिया है।
- स्थानीय युवाओं को अवसर प्रदान करने का यह एक महत्वपूर्ण कदम है।
पटना, 4 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। बिहार सरकार ने शिक्षकों की बहाली को लेकर एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। अब राज्य में शिक्षकों की नियुक्ति में बिहार के निवासियों को प्राथमिकता दी जाएगी। इसके लिए डोमिसाइल नीति लागू की जा रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस जानकारी को सोमवार को सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स के माध्यम से साझा किया।
मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "नवंबर 2005 में सरकार का गठन होने के बाद से हम लोग शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए निरंतर प्रयासरत हैं। शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए बड़ी संख्या में शिक्षकों की नियुक्ति की गई है।"
उन्होंने आगे कहा, "शिक्षकों की बहाली में बिहार के निवासियों (डोमिसाइल) को प्राथमिकता देने के लिए शिक्षा विभाग को संबंधित नियमों में आवश्यक संशोधन करने का आदेश दिया गया है। यह टीआरई-4 से लागू किया जाएगा।"
उन्होंने यह भी बताया कि "वर्ष 2025 में टीआरई-4 एवं वर्ष 2026 में टीआरई-5 का आयोजन किया जाएगा। टीआरई-5 के आयोजन से पहले एसटीईटी का आयोजन करने का भी निर्देश दिया गया है।"
इससे पहले, मुख्यमंत्री ने 1 अगस्त को शिक्षा विभाग के अंतर्गत मध्याह्न भोजन योजना में कार्यरत रसोइयों के मानदेय में दोगुनी वृद्धि का ऐलान किया था। उन्होंने लिखा था, "शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने में रसोइयों, रात्रि प्रहरियों तथा शारीरिक शिक्षा एवं स्वास्थ्य अनुदेशकों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस दृष्टि से, हमने इन कर्मियों के मानदेय को दोगुना करने का निर्णय लिया है।"
सीएम नीतीश के इस निर्णय के अनुसार, मध्याह्न भोजन योजना में कार्यरत रसोइयों का मानदेय अब 1,650 रुपए से बढ़ाकर 3,300 रुपए प्रति माह किया गया है। माध्यमिक और उच्च विद्यालयों में कार्यरत रात्रि प्रहरियों का मानदेय 5,000 रुपए से बढ़ाकर 10,000 रुपए प्रति माह किया गया है। शारीरिक शिक्षा और स्वास्थ्य अनुदेशकों का मानदेय 8,000 रुपए से बढ़ाकर 16,000 रुपए प्रति माह हो गया है।