क्या बिहार की कानून-व्यवस्था पर चिराग पासवान के सवाल उचित हैं?

सारांश
Key Takeaways
- बिहार की कानून-व्यवस्था पर सियासी चर्चाएँ बढ़ी हैं।
- चिराग पासवान ने सवाल उठाए हैं कि बिहारी और कितने हत्याओं के शिकार होंगे।
- जीतन राम मांझी ने चिराग के बयानों पर तंज कसा है।
- तेजस्वी यादव ने भी कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं।
- यह मुद्दा राजनीतिक स्तर पर गंभीरता से उठाया जा रहा है।
पटना, 12 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। बिहार की कानून-व्यवस्था को लेकर हाल के दिनों में राजनीतिक माहौल गरमाया हुआ है। इस दौरान, लोजपा (रामविलास) के प्रमुख एवं केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाए, जिसके उत्तर में एनडीए के सहयोगी दल हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के नेता जीतन राम मांझी ने एक कहावत के माध्यम से तंज कसा।
विपक्षी दलों के महागठबंधन में शामिल राजद और कांग्रेस बिहार की कानून-व्यवस्था को लेकर सरकार को लगातार घेर रहे हैं। इसी क्रम में चिराग पासवान ने सोशल मीडिया पर लिखा, "बिहारी अब और कितनी हत्याओं के शिकार होंगे? बिहार पुलिस की जिम्मेदारी क्या है?"
पिछले समय में भी चिराग पासवान ने कानून-व्यवस्था के संबंध में सरकार को नसीहत दी थी। उनके इस बयान पर विभिन्न चर्चाएँ शुरू हुईं। जीतन राम मांझी ने चिराग पासवान पर तंज करते हुए लिखा, "यदि राजद वाले अपराध करवाते हैं, तो सरकार पर ही तोहमत लगती है। हमारे यहाँ एक कहावत है, 'गुड़ खाते हैं, गुड़अम्मे से परहेज,' यह उचित नहीं है।" उन्होंने कहा, "अब बिहार में माफियाओं की खातिरदारी नहीं होती, बल्कि उन्हें ठोक दिया जाता है। लॉ एंड ऑर्डर पर सवाल उठाने वालों को यह बात समझनी चाहिए।"
इस तरह की बयानबाज़ी के बीच, राजद के नेता और पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भी कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाया, उन्होंने लिखा, "पटना में व्यवसायी विक्रम झा की गोली मारकर हत्या। डीके टैक्स तबादला उद्योग प्रदेश की अराजकता का मुख्य कारण है। मुख्यमंत्री मौन क्यों हैं? प्रतिदिन हो रही सैकड़ों हत्याओं का दोषी कौन है? भ्रष्ट भूंजा पार्टी को जवाब देना चाहिए।"