क्या बिहार में पैक्सों को छह महीने तक ब्याजमुक्त राशि मिलेगी?
सारांश
Key Takeaways
- पैक्सों को छह महीने तक ब्याजमुक्त ऋण की सुविधा मिलेगी।
- सरकार किसानों के हितों की रक्षा के लिए प्रयासरत है।
- बैठक में धान की खरीद और लॉजिस्टिक्स पर चर्चा की गई।
- भुगतान में देरी को स्वीकार नहीं किया जाएगा।
पटना, 26 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में सरकार निरंतर महत्वपूर्ण निर्णय ले रही है। बुधवार को खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग और सहकारिता विभाग की बैठक में धान की खरीद, राइस मिलों की मिलिंग क्षमता की जांच और पैक्सों को धान अधिप्राप्ति के लिए सरकार द्वारा दी जाने वाली राशि (कैश क्रेडिट) पर चर्चा की गई।
इस संदर्भ में, प्राथमिक कृषि ऋण समिति (पैक्स) को धान अधिप्राप्ति के लिए दो महीने की बजाय छह महीने तक ब्याज-मुक्त ऋण प्रदान करने पर विचार किया जा रहा है। यह सुविधा जल्द ही लागू होने की संभावना है।
बैठक में खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग की मंत्री लेशी सिंह और सहकारिता मंत्री प्रमोद कुमार ने भी हिस्सा लिया। बैठक में पैक्स स्तर पर आ रही चुनौतियों के साथ-साथ लॉजिस्टिक एवं प्रोसेसिंग से जुड़ी आवश्यक बातें भी उठाई गईं।
मंत्री लेशी सिंह ने पैक्स प्रतिनिधियों द्वारा उठाए गए मुद्दों पर ध्यान दिया और अधिकारियों को त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पैक्स को भुगतान में किसी भी प्रकार की देरी स्वीकार नहीं की जाएगी और सभी लंबित भुगतान समय पर किए जाने चाहिए।
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार किसानों के हितों की रक्षा, पैक्स की मजबूती और अधिप्राप्ति प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए लगातार प्रयासरत है। विभाग का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि धान अधिप्राप्ति सुचारू और समयबद्ध ढंग से हो।
बैठक में खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के प्रधान सचिव पंकज कुमार, सचिव नैय्यर इकबाल, सहकारिता विभाग के सचिव धर्मेंद्र सिंह सहित दोनों विभागों और बिहार राज्य खाद्य एवं असैनिक आपूर्ति निगम लिमिटेड के वरिष्ठ अधिकारियों तथा पैक्स के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।