क्या बिहार में रोजाना 1800 से ज्यादा ड्राइविंग लाइसेंस जारी हो रहे हैं?
सारांश
Key Takeaways
- बिहार में प्रतिदिन 1841 ड्राइविंग लाइसेंस जारी हो रहे हैं।
- सड़क सुरक्षा माह 1 जनवरी से 31 मार्च तक मनाया जाएगा।
- डीएल और आरसी के लिए लंबित मामलों को सुलझाने के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है।
- गंभीर सड़क दुर्घटनाओं में बीमा और मुआवजे का लाभ मिलेगा।
- बिहार में 1 करोड़ 52 लाख से अधिक वाहन पंजीकृत हैं।
पटना, 31 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। परिवहन विभाग ने ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) और वाहन रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (आरसी) के लंबित मामलों को सुलझाने में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं। राज्य में प्रतिदिन औसतन 1,841 डीएल जारी किए जा रहे हैं और 3,731 वाहनों का निबंधन किया जा रहा है। यह जानकारी परिवहन एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने बुधवार को जिला परिवहन कार्यालय में दी।
मंत्री ने पटना और नवादा के सफल आवेदकों को प्रतीकात्मक रूप से डीएल और आरसी प्रमाणपत्र वितरण कार्यक्रम में शामिल होने के लिए यहां उपस्थित हुए। इस अवसर पर उन्होंने सड़क सुरक्षा नियमों से संबंधित एक किताब का विमोचन भी किया। समारोह में सभी जिलों के डीटीओ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े और अपने-अपने क्षेत्रों में ड्राइविंग टेस्ट पास करने वाले आवेदकों को प्रमाणपत्र वितरित किए। अन्य आवेदकों को ये प्रमाणपत्र स्पीड पोस्ट द्वारा उनके निवास पर भेजे जाएंगे।
मंत्री ने कहा कि लंबित डीएल और आरसी विभाग के लिए एक बड़ी चुनौती थी, जिसका सीधा प्रभाव आम जनता, युवाओं और रोजगार से जुड़े लोगों पर पड़ता था। विभाग की ओर से मिशन मोड में कार्य, निरंतर निगरानी और विशेष अभियानों का संचालन किया गया, जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं। सड़क सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित करते हुए उन्होंने बताया कि विद्यालयी छात्रों को जागरूक करने के लिए 1 जनवरी से 31 मार्च तक सड़क सुरक्षा माह मनाया जाएगा। इसके साथ ही 1 से 15 जनवरी तक सभी निजी विद्यालयों के बस ड्राइवरों के डीएल और सड़क सुरक्षा मानकों की गहन जांच की जाएगी।
उन्होंने बताया कि राज्य में अब तक 1 करोड़ 52 लाख से अधिक वाहन पंजीकृत हैं और 1 करोड़ 30 लाख से ज्यादा लाइसेंसधारी हैं। नवंबर में आरसी के 1 लाख 38 हजार 550 मामले लंबित थे। 30 दिसंबर तक कुल 3 लाख 73 हजार 868 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से 3 लाख 43 हजार 266 आरसी जारी की गई हैं। अब केवल 30 हजार 602 मामले लंबित हैं। वहीं, डीएल के लिए नवंबर में 56 हजार 54 मामले लंबित थे। इस अवधि में 58 हजार 266 नए आवेदन आए। इनमें से 84 हजार 841 डीएल जारी किए जा चुके हैं और मात्र 29 हजार 478 मामले शेष हैं, जिनका प्राथमिकता के साथ समाधान किया जा रहा है।
मंत्री ने विभागीय टीम की सराहना करते हुए कहा कि यह उपलब्धि आंकड़ों से कहीं अधिक जनता के विश्वास की है। विभाग की ओर से भविष्य में किसी भी प्रकार की पेंडेंसी नहीं होने दी जाएगी और सेवाएं पूरी तरह समयबद्ध रहेंगी। समय पर डीएल मिलने से टैक्सी, ऑटो, ई-रिक्शा और मालवाहक वाहन चालकों को बड़ी राहत मिलेगी। साथ ही दुर्घटना में बीमा और मुआवजे का लाभ आसानी से प्राप्त होगा।
कार्यक्रम में बिहार राज्य पथ परिवहन निगम (बीएसआरटीसी) के प्रशासक अतुल कुमार वर्मा ने बताया कि 1 जनवरी से बिहारशरीफ में दो नई पिंक बसें और पटना-राजगीर-ककोलत रूट पर एक-एक डीलक्स बस का परिचालन शुरू होगा। यात्रियों की सुविधा के लिए 6 प्रमंडलों में बस डिपो का निर्माण किया जा रहा है और 194 नई बसें मंगाई जा रही हैं, जिन्हें अंतरराज्यीय मार्गों पर चलाया जाएगा।
इस कार्यक्रम में अपर सचिव प्रवीण कुमार, अपर सचिव कृत्यानंद रंजन, उप सचिव अरूणा कुमारी एवं कुमारी अर्चना, प्रशासन मुख्य सुभाष नारायण, पटना डीटीओ उपेन्द्र कुमार पाल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।