क्या बिहार में 'सुपारी किलर' का डाटाबेस बन रहा है?

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क्या बिहार में 'सुपारी किलर' का डाटाबेस बन रहा है?

सारांश

बिहार में 'सुपारी किलर' के लिए एक डाटाबेस तैयार किया जा रहा है। एसटीएफ द्वारा गठित निगरानी सेल हत्यारों की जानकारी जुटाएगा। इससे अपराधों की पहचान और निपटारे में मदद मिलेगी। जानें पूरी कहानी इस लेख में।

Key Takeaways

  • सुपारी किलर का डाटाबेस स्थापित किया जाएगा।
  • नशे के कारोबार के लिए नॉरकोटिक्स सेल का गठन।
  • संगीन अपराधों के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट की स्थापना।
  • 1290 अपराधियों की संपत्ति जब्त की जाएगी।
  • नक्सली घटनाओं में कमी आई है।

पटना, 16 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। बिहार में अब 'सुपारी किलर' का एक विशेष डाटाबेस तैयार किया जाएगा। इसके लिए एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) के तहत 'सुपारी किलर निगरानी सेल' का गठन किया गया है। यह सेल सभी सुपारी किलरों का विस्तृत ब्योरा संकलित कर डोजियर तैयार करेगा, जिससे किसी भी वारदात में इन हत्यारों की पहचान करना सरल होगा।

बिहार एसटीएफ के एडीजी कुंदन कृष्णन ने बुधवार को एक प्रेस वार्ता के दौरान बताया कि सुपारी किलरों के फोटो, नाम, पता सहित सभी जानकारी एकत्र की जाएगी। इसके अलावा, राज्य में नशे के कारोबार पर अंकुश लगाने के लिए एटीएफ में एक नॉरकोटिक्स सेल का भी गठन किया गया है। इसे थानों के साथ समन्वय स्थापित करने के लिए और सक्षम बनाया जा रहा है।

कुंदन कृष्णन ने कहा कि संगीन और हिंसक अपराधफास्ट ट्रैक कोर्ट को पुनः स्थापित करने का प्रस्ताव गृह विभाग को भेजा गया है। पूर्व में, 2012-13 में, फास्ट ट्रैक कोर्ट के माध्यम से सालाना 2 से 3 हजार अपराधियों को सख्त सजाएं मिलती थीं, जबकि वर्तमान में यह संख्या मात्र 500-600 रह गई है।

उन्होंने यह भी बताया कि राज्य में 1290 ऐसे अपराधियों की पहचान की गई है, जिन्होंने आपराधिक गतिविधियों से संपत्ति अर्जित की है। पुलिस जल्द ही सभी की संपत्ति जब्त करने की प्रक्रिया शुरू करेगी। यदि कोई नाबालिग अवैध या लाइसेंसी हथियार के साथ पकड़ा जाता है, तो उनके अभिभावक को भी जेल में डाल दिया जाएगा। बिहार में पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष अपराध की घटनाएं कम हुई हैं।

एडीजी ने यह भी दावा किया कि राज्य में नक्सली घटनाएं नहीं हो रही हैं। नक्सलियों के गढ़ जैसे गया, औरंगाबाद, मुंगेर, जमुई में उनकी गतिविधियों का लगभग सफाया हो चुका है। इस वर्ष जनवरी से अब तक 82 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया है।

Point of View

यह महत्वपूर्ण है कि हम बिहार सरकार की इस पहल का समर्थन करें। सुपारी किलरों का डाटाबेस बनाना न केवल सुरक्षा के लिहाज से आवश्यक है, बल्कि यह समाज में अपराध को नियंत्रित करने में भी मदद करेगा।
NationPress
09/09/2025

Frequently Asked Questions

सुपारी किलर का डाटाबेस क्यों बनाया जा रहा है?
इसका उद्देश्य सुपारी किलरों की पहचान करना और आपराधिक गतिविधियों को नियंत्रित करना है।
क्या बिहार में नक्सली घटनाएं बढ़ी हैं?
नहीं, एडीजी ने कहा है कि नक्सली घटनाएं घट रही हैं और नक्सलियों का सफाया हो रहा है।