क्या बिहार मानसून सत्र में एसआईआर के मुद्दे पर विपक्ष का प्रदर्शन लोकतंत्र के लिए खतरा है?

सारांश
Key Takeaways
- विपक्ष का प्रदर्शन बिहार की राजनीतिक स्थिति को दर्शाता है।
- भाई वीरेंद्र ने गंभीर आरोप लगाए हैं कि मतदाता पुनरीक्षण गलत तरीके से हो रहा है।
- बिहार में अपराध की स्थिति चिंताजनक है।
- काले कपड़ों में प्रदर्शन विपक्ष का विरोध दर्शाता है।
- बिहार में गुंडाराज की स्थिति पर चिंता जताई गई है।
पटना, 22 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के मुद्दे पर विपक्षी दलों ने प्रदर्शन किया। इस दौरान 'इंडी गठबंधन' के विधायक काले कपड़ों में नजर आए और उन्होंने विधानसभा के मुख्य द्वार की सीढ़ियों पर बैठकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
जब विपक्षी विधायकों का प्रदर्शन चल रहा था, उसी दौरान विधानसभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव भी वहां पहुंचे। इसके बाद मार्शलों ने विधायकों को रास्ते से हटाया।
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के विधायक भाई वीरेंद्र ने एसआईआर को लेकर सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "बिहार में मतदाता पुनरीक्षण का काम गलत तरीके से हो रहा है। दलितों, अल्पसंख्यकों, पिछड़ों और अति पिछड़ों के वोट काटने की साजिश रची जा रही है। यह लोकतंत्र के लिए खतरा है।"
भाई वीरेंद्र ने बिहार में बढ़ते अपराध पर भी चिंता जताते हुए कहा, "बिहार में अपराध इतना बढ़ गया कि यहां हर शख्स खुद को असुरक्षित महसूस कर रहा है। किसी भी दल का नेता हो या पत्रकार हो या फिर सामाजिक कार्यकर्ता हो, सभी लोग खुद को बिहार में असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। बिहार में गुंडाराज कायम है और इसके खात्मे के लिए आज हमने संकल्प लिया है, इसलिए काले कपड़े पहनकर विरोध जता रहे हैं।"
बिहार की कानून-व्यवस्था की स्थिति पर राजद विधायक ने बात की। उन्होंने कहा, "बिहार में जात पूछकर लोगों के एनकाउंटर किए जा रहे हैं। विपक्ष अपराध और अपराधियों के खिलाफ है, लेकिन अगर किसी की जाति पूछकर हत्या की जाती है, तो ये घटना बर्दाश्त के बाहर है। कुछ पुलिस पदाधिकारी ऐसे हैं, जो सरकार के इशारे पर लोगों की हत्या कर रहे हैं। मैं इतना ही कहूंगा कि बिहार में अपराधियों को पुलिस अधिकारियों द्वारा संरक्षण भी दिया जा रहा है।"