क्या बिहार में एनडीए की बंपर जीत पर संतोष सुमन ने समीक्षा बैठक बुलाई?
सारांश
Key Takeaways
- संतोष सुमन ने समीक्षा बैठक में सभी जिला अध्यक्षों को बुलाया।
- चुनाव में सहयोगी दलों के कार्यकर्ताओं का समन्वय महत्वपूर्ण था।
- पार्टी के विस्तार और सदस्यता अभियान पर चर्चा हुई।
- आगामी पंचायत और स्थानीय निकाय चुनावों को मजबूती से लड़ा जाएगा।
- जनता की अपेक्षाओं पर गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है।
पटना, 8 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार चुनाव में एनडीए की शानदार जीत और नई सरकार के गठन के बाद, बिहार सरकार में मंत्री संतोष सुमन ने पार्टी की समीक्षा बैठक का आयोजन किया।
संतोष सुमन ने पटना में राष्ट्र प्रेस से बातचीत करते हुए कहा कि बिहार चुनाव परिणाम के बाद हमने सभी जिला अध्यक्षों और राज्य कार्यकारिणी के वरिष्ठ सदस्यों को समीक्षा बैठक के लिए बुलाया है। हम जिला स्तर पर पूरी समीक्षा कर रहे हैं कि विभिन्न क्षेत्रों में कितना सहयोग मिला।
उन्होंने बताया कि चुनाव में सभी सहयोगी दलों के कार्यकर्ताओं का आपसी समन्वय कैसा रहा और जिन सीटों पर एनडीए जीत नहीं सका, उन पर क्या कारण रहे। इसके साथ ही पार्टी के विस्तार और सदस्यता अभियान पर भी चर्चा हुई। इसके बाद हम गाइडलाइंस जारी करेंगे ताकि आगामी पंचायत चुनाव और स्थानीय निकाय चुनाव मजबूती से लड़े जाएं।
संतोष सुमन ने कहा कि हाल ही में संपन्न हुए चुनाव में जनता ने हमें बहुत बड़ा जनादेश दिया है, विशेषकर गरीबों और वंचितों की अपेक्षाएं हमसे जुड़ी हैं। हमें इस पर गंभीरता से विचार करना है कि उन अपेक्षाओं पर कैसे खरा उतरना है और आगे का योजना क्या होगी, इसी पर विस्तृत चर्चा चल रही है।
लोकसभा में ‘वंदे मातरम’ पर हो रही चर्चा के बीच उन्होंने कहा कि यह हमारा राष्ट्रीय गीत है। इसे बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय ने लिखा था और इसे पहली बार 1882 में उनकी पत्रिका में प्रकाशित किया गया था। बाद में यही हमारा राष्ट्रीय गीत बना। रवींद्रनाथ टैगोर ने भी इसे स्वयं गाया था। यह गीत राष्ट्रीय एकता और एकजुटता का सबसे बड़ा प्रतीक है। स्वतंत्रता संग्राम के दौरान क्रांतिकारियों ने इसे जोश और बलिदान के साथ गाया। दुर्भाग्यवश उस समय मुस्लिम लीग ने अलगाववाद की राजनीति के तहत इसका विरोध किया था, लेकिन आज हमें इसे किसी विवाद में नहीं उलझाना चाहिए। यह सभी भारतीयों के लिए वंदे मातरम गीत प्रेरणा का स्रोत है। मैं अपील करता हूं कि संसद के सभी सदस्य एक स्वर में इस गीत को सम्मान दें और इसे पूरी मजबूती के साथ गाएं। यह राष्ट्रप्रेम की सबसे ऊंची अभिव्यक्ति है।