क्या प्रधानमंत्री मुद्रा योजना ने लाभार्थी रुकमणी देवी की किस्मत बदल दी?

सारांश
Key Takeaways
- प्रधानमंत्री मुद्रा योजना ने महिलाओं को आत्मनिर्भरता की ओर प्रेरित किया है।
- लाभार्थियों को आर्थिक सहायता मिल रही है जिससे उनका व्यवसाय बढ़ रहा है।
- सरकार की इस पहल से 25 परिवारों का भरण-पोषण हो रहा है।
- योजना ने रोजगार के अवसर पैदा किए हैं।
बगहा, 31 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। बिहार के पश्चिम चंपारण के बगहा में महिलाओं को प्रधानमंत्री मुद्रा योजना का व्यापक लाभ मिल रहा है। इस योजना के अंतर्गत अनेक महिलाएं अपने उद्योगों को बढ़ावा देते हुए आत्मनिर्भर हो रही हैं। यह योजना न केवल मध्यम वर्ग के परिवारों के लिए वरदान है, बल्कि कई परिवारों को आर्थिक रूप से भी संकल्प प्रदान कर रही है।
मुद्रा योजना की लाभार्थी रुकमणी देवी ने कहा कि हम ग्रामीण महिला विकास समिति सहकारी समिति के अंतर्गत हस्तकरघा केंद्र का संचालन करते हैं। यहां चादर, शॉल, गमछा, और स्वेटर बनाए जाते हैं। सरकार की मुद्रा योजना से हमें पांच लाख रुपये का सहयोग मिला है। इसी धन का उपयोग करते हुए हम सामान मंगाते हैं और उत्पाद तैयार कर बेचते हैं। हमारे पास कुल मिलाकर 25 लोग काम करते हैं।
उन्होंने कहा कि हम सरकार से यही निवेदन करना चाहते हैं कि हमें और राशि मिलनी चाहिए, ताकि हम अपने व्यापार को बढ़ाते हुए और आत्मनिर्भर बन सकें। अगर हमें और आर्थिक सहायता मिलती है, तो हम काम करने वालों की संख्या बढ़ा सकते हैं, जिससे अधिक उत्पाद तैयार होंगे और बाजार में हमारी पहुंच बढ़ेगी।
उन्होंने आगे कहा कि केंद्र सरकार की यह योजना हमारे लिए वरदान साबित हुई है, क्योंकि आज हमारे पास रोजगार है और हमारे साथ 25 लोगों के परिवारों का भरण-पोषण हो रहा है। मुद्रा योजना ने न केवल महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने का अवसर दिया है, बल्कि उन्हें सम्मान से जीने का अधिकार भी प्रदान किया है। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना से हमें काफी सहायता मिली है। गरीब होने के कारण हमें किसी भी कारोबार के लिए धन नहीं मिलता था, लेकिन पीएम मोदी ने हमारी चिंता की। इसके लिए हम पीएम मोदी का दिल से आभार व्यक्त करते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 अप्रैल 2015 को प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) की शुरुआत की थी, जिसके अंतर्गत 10 लाख रुपये तक का लोन उपलब्ध कराया जाता है। इसका लक्ष्य छोटे व्यवसायों और पहली पीढ़ी के उद्यमियों के बीच उद्यमशीलता गतिविधियों को बढ़ावा देना है।