क्या बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर निर्वाचन आयोग ने की समीक्षा बैठक?

सारांश
Key Takeaways
- चुनाव आयोग ने चुनाव की तैयारियों पर समीक्षा की।
- सुरक्षा प्रबंधों की समीक्षा की गई।
- मतदान केंद्रों पर न्यूनतम सुविधाओं का ध्यान रखा जाएगा।
- वरिष्ठ मतदाताओं के लिए पोस्टल बैलेट की सुविधा बढ़ाई जाएगी।
- फेक न्यूज के नियंत्रण के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।
पटना, 1 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारी में चुनाव आयोग जुटा हुआ है। अगले सप्ताह चुनाव की तिथियों की घोषणा की संभावना है।
इस बीच, बुधवार को चुनाव की तैयारियों के संबंध में भारत निर्वाचन आयोग के वरिष्ठ उप निर्वाचन आयुक्त मनीष गर्ग ने एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक आयोजित की। यह बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई, जिसमें बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी विनोद सिंह गुंजियाल और राज्य पुलिस नोडल पदाधिकारी कुंदन कृष्णन भी शामिल हुए।
बैठक का मुख्य उद्देश्य चुनाव प्रक्रिया को पूरी तरह निष्पक्ष, शांतिपूर्ण और पारदर्शी बनाए रखने की तैयारियों की समीक्षा करना था। जानकारी के अनुसार, इस दौरान निर्वाचन प्रक्रिया से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर गहन चर्चा की गई।
बैठक में निर्वाचन सूची के प्रकाशन से लेकर मतदान केंद्रों पर न्यूनतम सुविधाओं की उपलब्धता, प्रशिक्षण कार्यक्रमों की प्रगति, ईवीएम एवं वीवीपैट की व्यवस्था और मतदाताओं की सहभागिता बढ़ाने की तैयारियों की समीक्षा की गई। वरिष्ठ उप निर्वाचन आयुक्त ने विधि-व्यवस्था की तैयारियों की समीक्षा करते हुए अर्धसैनिक बलों की तैनाती, आर्म्स रिकवरी, अंतरराज्यीय सीमाओं पर चौकसी, शराब की जब्ती, और अवैध गतिविधियों पर नियंत्रण के लिए प्रभावी तैयारी करने के निर्देश दिए।
राज्य पुलिस नोडल पदाधिकारी ने कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए की गई तैयारियों की जानकारी साझा की और आश्वस्त किया कि चुनाव के दौरान सुरक्षा प्रबंधों में कोई कमी नहीं रहने दी जाएगी। मतदान केंद्रों पर सुविधाओं और विशेष व्यवस्थाओं को लेकर भी चर्चा हुई। यह सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया कि सभी मतदान केंद्रों पर बिजली, पानी, रैम्प, शौचालय, फर्नीचर और संकेतक जैसी न्यूनतम सुविधाएं उपलब्ध हों।
इसके साथ ही, विशेष रूप से 85 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ मतदाताओं की सुविधा के लिए पोस्टल बैलेट की व्यवस्था के व्यापक प्रचार-प्रसार पर बल दिया गया। बैठक में राजनीतिक दलों की सक्रिय और पारदर्शी भागीदारी सुनिश्चित करने, मीडिया मॉनिटरिंग और सर्टिफिकेशन को मजबूत करने तथा सोशल मीडिया पर फेक न्यूज के नियंत्रण के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता पर भी बल दिया गया।